आदिवासी छात्रा की मानव तस्करी तथा दैहिक शोषण के मामले में आरोपी भाई बहनों को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास व जुर्माना ।

0
4

उपेंद्र डनसेना रायगढ़. [Edited By: शशिकांत साहू]

रायगढ़ जिले के वनांचल क्षेत्र कापू स्थित नाबालिग आदिवासी छात्रा की मानव तस्करी तथा दैहिक शोषण के एक मामले में न्यायालय ने आज आरोपी भाई बहनों को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास व जुर्माने से दंडित किया है। इस मामले के दो और आरोपी अब भी फरार हैं। आरोपियों ने पीडि़ता को राजस्थान में ले जाकर मात्र 40 हजार रूपए में बेच दिया था


अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि अभियुक्ता राधा अपने पति रमेश के साथ ग्राम गिरोडी थाना बनसुर जिला अलवर राजस्थान में रहती है। इस मामले का एक और अभियुक्त अशोक गुज्जर रमेश का रिश्तेदार है। अपै्रल 2016 में कापू थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बंधनपुर कुर्सी टिकरा में रहने वाली कथा 8वीं की आदिवासी छात्रा उम्र 16 वर्ष के यहां पीडि़ता के मायके की लडकी रंभा और उसका भाई कुठलू पीङ्क्षड़ता के घर आए थे और रात में भी रूके थे इसी दौरान आरोपी भाई बहनों के द्वारा पीडि़ता को बहला-फुसलाकर अपने सांचे में ढालने का प्रयास करते हुए राजस्थान जाकर पैसा कमाने का प्रलोभन दिया गया। उस समय तो पीडि़ता ने बात को टाल दिया। मगर रंभा पीडि़ता से बार-बार संपर्क करती रही। इसी दौरान अपै्रल 2016 के आखिरी दिनों में अभियुक्त कुठलू ने पीडि़ता को फोन करके अपने आने की बात कही और उसके साथ न चलने पर उठा कर ले जाने की धमकी भी दी। जिसके कारण पीडि़ता डर गई और घर से बाहर निकल गई, जिसे अभियुक्त कुठलू लेकर पत्थलगांव होते हुए रायगढ़ ले आया और टे्रन में बिठाकर अपनी बहन राधा के गांव गिरोडी ले गया। जहां दोनों भाई बहनों ने साजिश रचकर पीडि़ता को वहीं रहने वाले अशोक गुज्र्जर के पास बेच दिया। जिसके बाद अशोक पीडि़ता को जबरन बबेला राजस्थान ले गया और जोर जबर्दस्ती उसके साथ कोट मैरिज कर पीडि़ता का दैहिक शोषण करता रहा। जिसकी वजह से पीडि़ता गर्भवती हो गई। दूसरी ओर पीडि़ता के घर में नही मिलने पर उसके भाई ने कापू थाना में उक्ताशय की रिपोर्ट दर्ज कराई।

चूंकि मामला मानव तस्करी और नाबालिग आदिवासी छात्रा को भगा कर ले जाने का था इसलिए पुलिस इस मामले में सूक्ष्म जांच पड़ताल में जुट गई और धीरे-धीरे संदेह की परते खुलने लगी और पूरे मामले का खुलासा होनें के बाद पुलिस ने पीडि़ता को राजस्थान से बरामद करते हुए आरोपी भाई बहनो राधा उर्फ राधिका शर्मा तथा उसके भाई ज्ञानिक उर्फ कुठलू को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम विजय कुमार होता के अदालत में चल रही थी। दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद विद्वान न्यायाधीश विजय कुमार होता की अदालत ने आरोपी भाई बहनों को धारा 363,366, 366 क 370, 370 क 372 एवं धारा 17 लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत दोष सिद्ध ठहराते हुए अलग-अलग धाराओं में पांच वर्ष के सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया है। इस मामले से जुडे अन्य अभियुक्तगण अशोक गुज्र्जर व राधिका का पति रमेश शर्मा अब भी फरार बताया जाता है। विद्वान न्यायाधीश ने इस मामले में पीडि़ता को क्षतिपूर्ति राहत के रूप में राज्य शासन की ओर से 2 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि दिलाने का भी आदेश पारित किया है तथा निर्णय की प्रतिलिपी कलेक्टर रायगढ़ तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने पैरवी की।