आचार सहिंता के उल्लंघन की जानकारी लगते ही वितरित हुई सायकिलें वापस गोदाम में डाली गई | कोरबा के कटघोरा के सरकारी स्कूल का मामला |

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गेंदलाल शुक्ला [Edited By: ऋतुराज वैष्णव ] 

कोरबा / छत्तीसगढ़ के कोरबा के एक सरकारी स्कूल में आचार सहिंता के उल्लंघन की जानकारी जब शिक्षकों को लगी तो उनके हाथ पांव फूल गए | दरअसल शिक्षकों ने बगैर सोचे समझे छात्राओं को साइकिले वितरित कर दी थी  | उन्हें जब इस बात की खबर लगी कि लोकसभा चुनाव को लेकर आचार सहिंता का दौर जारी है |  ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है ,  तो स्कूल स्टाफ ने तत्काल छात्राओं से सायकिल वापस बुला ली | बताया जाता है कि  यह सायकिल सितंबर-अक्टूबर माह में  वितरण के लिए लाई गई थी | लेकिन विधान सभा चुनाव को लेकर प्रभावशील हुई आचार सहिंता के चलते वितरित नहीं हो पाई | सायकिलें कबाड़ में तब्दील ना हो जाए , इस चिंता में स्कूल स्टाफ ने आनन फानन में सायकिलें छात्राओं  को सौंप दी | इस बीच किसी ने सायकल वितरण को लेकर गांव में हंगामा खड़ा कर दिया | मामले के तूल पकड़े जाने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों का सफाई देना शुरू हो गया है | स्कूल के  प्राचार्य की दलील है कि उन्हें फंसाने के लिए किसी ने यह सायकिल वितरित की है।  

मामला कटघोरा ब्लॉक के छिंदपुर के शासकीय उच्चतर  माध्यमिक विद्यालय का है। बताया जाता है कि  19 मार्च को स्कूल परिसर में आयोजित एक सादे समारोह में छात्राओं को सायकिल का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में प्राचार्य समेत सभी शिक्षक मौजूद थे। सभी ने छात्राओं और उनकी सायकिल के साथ फोटो खिंचाया। थोड़ी देर बाद सायकल वितरण की जानकारी गांव में आग की तरह फ़ैल गई | कुछ शिक्षकों ने बताया कि उन्हें  इसका आभास नहीं था कि आदर्श आचार संहिता के दौरान शासकीय योजनान्तर्गत किसी भी तरह की सामग्री वितरण-आबंटन पर रोक प्रभावी होती है। उन्होंने कबाड़ हो रही सायकिलों को छात्रों को सौंप दिया | हालांकि आचार सहिंता के उल्लंघन की  जानकारी लगने के बाद फ़ौरन सायकिलें वापिस बुलाई गई | स्कूल स्टाफ की सूचना के बाद कही लाभार्थी छात्राएं तो कहीं उनके अभिभावक सायकिल लेकर स्कूल पहुंचे। प्राप्त जानकारी के अनुसार वितरित हुई सभी सायकिलें वापस गोदाम में पहुंच गई |