
रायपुर / छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेताओं की मुसीबत बढ़ाने वाले मंतूराम पवार को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है | मंतूराम पवार वही शख्स है जिन्होंने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के दौरान मैदान छोड़ कर भागने में कामयाबी हासिल की थी | आज जब बीजेपी ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया तो राज्य की एक बड़ी आबादी को हैरानी हुई | हैरानी इस बात की कि मंतूराम पवार को आखिर क्यों बीजेपी ने अपनी “गोद” में बिठा लिया था ? इस दौरान बीजेपी के ही कई बड़े नेताओं ने उन समीकरणों को याद कर अपना सिर धुना , जिनकी बदौलत मंतूराम पवार को बीजेपी की सदस्य्ता दिलाई गई थी | इन नेताओं ने अपनी ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं की “कार्यप्रणाली” पर सवालियां निशान लगाते हुए कहा कि ऐसे नेताओं के कारण ही राज्य में बीजेपी की “फजीहत” हुई है | उनके मुताबिक मंतूराम पवार का बीजेपी प्रवेश पार्टी के लिए “दो-धारी तलवार” साबित हुआ है | उधर एक राजनैतिक घटनाक्रम के चलते मंगलवार को बीजेपी ने मंतूराम पवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया | पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में मंतूराम पवार को भाजपा ने प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने मंतूराम पवार की निष्कासन का आदेश जारी किया है।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पिछले दो दिनों से इस फैसले का संकेत दे रहे थे | मंतूराम पवार को बीजेपी से निकाल बाहर करने के बाद पार्टी के कई नेता यह पूछ रहे है कि आखिर किस मकशद से और किस नेता की सलाह पर मंतूराम पवार को बीजेपी “प्रवेश” कराया गया था ? पार्टी में पूर्व मख्यमंत्री रमन सिंह और पूर्व मंत्री राजेश मूणत की हो रही फजीहत के लिए बीजेपी के कई नेताओ ने अपनी ही पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है | उनके मुताबिक राज्य की “जनता” यह जानकर हैरत में है कि “सौदेबाजी” का आरोप लगाकर कांग्रेस को धोखा देने वाला शख्स अभी तक बीजेपी में आराम फरमा रहा था |
हालांकि ये उसी वक्त साफ हो गया था जब शनिवार को मंतूराम पवार ने एक बड़ा खुलासा करते हुए अंतागढ़ उपचुनाव फिक्सिंग में साढ़े सात करोड़ रुपये का खुलासा किया था। इस मामले में मंतूराम ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, अजीत जोगी, अमित जोगी, राजेश मूणत और कांकेर के तत्कालीन एसपी आरएन दास का नाम भी लिया था।
मंतूराम की पार्टी से विदाई की चर्चा उसी वक्त से चल रही थी, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी कहा कि मंतूराम की पार्टी से बाहर किये जाने का फैसला प्रदेश अध्यक्ष लेंगे। वहीं भाजपा के अन्य नेताओं ने भी इशारों में साफ कर दिया था , कि मंतूराम ने जिस तरह के आरोप भाजपा नेताओं के खिलाफ लगाये हैं, उसके बाद उनका पार्टी में रहना नामुकीन है। मंतूराम पवार ने कहा था कि राजेश मूणत के बंगले पर साढ़े सात करोड़ रुपये की डील हुई थी।