आखिरकर जोगी पिता -पुत्र की “अग्रिम जमानत ख़ारिज” , अंतागढ़ टेपकांड को लेकर अदालत की कड़ी टिपण्णी,अब “हाईकोर्ट” के रुख का इंतजार | 

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रायपुर | छत्तीसगढ़ के चर्चित अंतागढ़ उपचुनाव में लेनदेन कर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मंतूराम पवार के मैदान छोड़ने के मामले में मचे तूल पर अब अदालत की भी मुहर लग गई है | अंतागढ़ टेपकांड को लेकर अमित जोगी और अजित जोगी की अग्रिम जमानत ना केवल ख़ारिज की है ,बल्कि कड़ी टिपण्णी भी की है | अदालत की टिपण्णी से साफ है कि जोगी पिता -पुत्र को जल्द राहत नहीं मिलने वाली है | रायपुर जिला न्यायालय  से अग्रिम जमानत ख़ारिज होने के बाद जोगी खेमे के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का दावा किया है | इससे पहले सोमवार को अग्रिम जमानत को लेकर अदालत ने जोगी पिता -पुत्र और शासन का पक्ष सुना |    

चतुर्थ अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा ने अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए आदेश में लिखा है | यह प्रकरण भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला और निष्पक्ष चुनाव पर कुठाराघात प्रकृति का है | अभियोजन द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में संलग्न लिप्यंतरण से आवेदक अजित जोगी और उसके पुत्र अमित जोगी उक्त षड़यंत्र में अति महत्वपूर्ण दर्शित है |  आवेदक और उसका पुत्र षड़यंत्र की मुख्य कड़ी हैं  |  इस कड़ी के अभाव में दर्शित घटना घटित होने की संभावना क्षीण हो जाती |  इसलिए इन दोनों के अग्रिम जमानत आवेदन को इस प्रकरण में अन्य अभियुक्तों के जमानत आवेदन और उस पर आए निर्णयों के साथ नही देखा जा सकता | इसलिए “अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज” की जाती है  | बतादें कि अजित जोगी और अध्यक्ष अमित जोगी के विरुद्ध पंडरी थाने में अंतागढ प्रकरण को लेकर अपराध क्रमांक 39/2019 दर्ज है जिसमें धारा 406,420,17(E),17(F), तथा 9-13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएँ लगाई गई है । बचाव पक्ष ने “अग्रिम जमानत याचिका” में सभी धाराओं से खुद को निष्प्रभावी बताया था ।

उधर जिला न्यालय से अग्रिम जमानत ख़ारिज होने के बाद जोगी पिता -पुत्र के वकीलों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का दावा किया है | उनकी दलील है कि जिन बिन्दुओ पर  जमानत ख़ारिज की गई है ,उनका अध्ययन कर जल्द ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा | इधर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि “न्याय” की जीत हुई है | जबकि इस मामले को लेकर बीजेपी ने चुप्पी साधी हुई है |