छत्तीसगढ़ सरकार ने देर से ही सही लेकिन कुख्यात डीजीपी मुकेश गुप्ता को आखिरकर आरोप पत्र थमा दिया है | मामले की जांच का जिम्मा डीजीपी डीएम अवस्थी को सौपा गया है | देखना होगा कि डीएम अवस्थी साहब आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ जारी कार्रवाई को अंजाम तक पहुचाएंगे या फिर किसी धर्मसंकट का सामना करेंगे | वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता के खिलाफ चल रही जांच में आईजी दुर्ग रेंज हिमांशु गुप्ता को भी सहभागी बनाया गया है | वे जांच अधिकारी के समक्ष शासन का पक्ष रखेंगे | गृह विभाग के अवर सचिव डीपी कौशल ने आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ तीन बिन्दुओ का आरोप पत्र जारी करते हुए निष्पक्ष जांच की इबारद लिखी है |
ये है आरोप पत्र के तीन बिंदु
कुख्यात आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता वैसे तो कई गंभीर मामलों का आरोपी है | उसके खिलाफ अलग अलग कई जांच जारी है | आपराधिक प्रकरणों के अलावा अब उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है | कई तरह के आरोपों से घिरे मुकेश गुप्ता पर विभागीय जांच के लिए तीन बिन्दुओं का आरोप पत्र जारी किया गया है | पहले बिन्दु में उन पर आरोप है कि उसने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक के पद पर पदस्थापना के दौरान अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से कार्यालयीन दस्तावेजों एवं रजिस्टर में बैक डेट में प्रविष्टियां दर्ज करवाई थीं | ऐसी कई फर्जी प्रवृष्टियों को उल्लेखित किया गया है | लिहाजा उनका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन है इसलिए क्यों न उन पर क़ानूनी कार्रवाई की जाए |
आरोप पत्र के दूसरे बिन्दु में कहा गया है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने गैर – क़ानूनी ढंग से राज्य के नागरिको के फोन और मोबाइल अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए टेप किए | इसमें उल्लेखित किया गया है कि अपराध क्रमांक 9 / 2015 में कायमी दिनांक के पूर्व प्रावधानों का उल्लंघन कर आम नागरिकों का फोन टेप किया गया था और उसका उपयोग साक्ष्य के तौर पर किया गया | यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है |
विभागीय जांच के तीसरे बिन्दु में कहा गया है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने लोकसेवक के पद पर रहते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में स्वेच्छाचारिता प्रदर्शित की | इसके चलते पुलिस संगठन और सरकार की छवि धूमिल हुई है |
राज्य सरकार ने अखिल भारतीय सेवा ( अनुशासन और अपील ) नियम 1969 के नियम 8 ( 6 ) सी के अंतर्गत जांच अधिकारी के समक्ष शासन का पक्ष प्रस्तुत करने के लिए दुर्ग के पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु गुप्ता को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया है | हालांकि आरोप पत्र स्वीकार करने को लेकर मुकेश गुप्ता आनाकानी कर रहा है |