आँचल यादव के कातिलों के गिरेबान तक पहुंचने लगे पुलिस के हाथ |

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        छत्तीसगढ़ की सनसनीखेज आँचल यादव हत्याकांड को लेकर पुलिस के कातिल तक पहुंचने की खबर है | बताया जाता है कि मॉडल आँचल यादव की हत्या उसके सगे भाई ने की थी | हत्या के बाद उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए वो बालोद के गुरुर इलाके में स्थित गंगरेल बाँध की नहर तक पंहुचा था | एक जानकारी के मुताबिक आँचल यादव के भाई सिद्धार्थ यादव ने स्वीकार किया है कि उसने ही अपने बहन की हत्या की है | हत्या की वजह बताते हुए उसने कहा कि आँचल यादव के काम काजो से और व्यवहार से वो काफी आहत था | उसके मुताबिक  आँचल यादव की अश्लील और आपत्तिजनक तस्वीरें उसे चुभती थी | उसने कई बार अपनी बहन को अनैतिक कार्य करने से रोका भी था | लेकिन जब आँचल ने उसकी एक ना सुनी तब उसने उसे मौत के घाट उतारने का फैसला ले लिया | हालांकि अभी उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि पुलिस ने नहीं की है | लेकिन पुलिस सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस हत्याकांड में आँचल के परिजनों खासतौर पर भाई की गतिविधि काफी संदेहजनक है | 

     पुलिस ने आँचल यादव से जुड़े डेढ़ दर्जन लोगो से पूछतांछ की है | इसमें कोयला कारोबारियों , व्यापारी और लाइजनिंग का काम करने वाले लोग शामिल है | पुलिस को एक ऐसे शक्श का भी पता चला है , जिसके आँचल यादव से करीबी ताल्लुकात थे | इस व्यक्ति का नाम इन्दरजीत कुमार बोस बताया जाता है | यह भी बताया  जा रहा है कि ब्लैकमेलिंग के लिए उपयोग आने वाले वीडियों , ऑडियो डिवाइस और आपत्तिजनक सामग्रियों को  इन्दरजीत कुमार बोस अपने कब्जे में रखता था | जरुरत पड़ने पर वो उसकी कॉपी कर आँचल यादव को सौपता था | ब्लैकमेलिंग के इस गोरखधंधे में आँचल यादव के साथ कई और लोगो का नाम जुड़ रहा है | बताया जाता है कि किसी संगठित गिरोह की तर्ज में आँचल यादव बतौर सरगना ब्लैकमेलिंग का कारोबार करती थी | जबकि उसके साथ जुड़े लगभग आधा दर्जन दोस्त इस गिरोह के सदस्य के रूप में अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाते थे | मसलन पीड़ित से वसूली , ऑडियो वीडियों  फुटेज और आपत्तिजनक तस्वीरों को मोबाइल , फेसबुक और सोशल मीडिया के दूसरे प्लैटफॉर्म्स में वायरल करने की जिम्मेदारी गिरोह के दूसरे सदस्यों के कंधो पर थी | उसका पी.आर. मजबूत करने और उसे नए नए ग्राहकों से मिलवाने के लिए भी एक शक्श तैनात था | यह व्यक्ति आँचल यादव को मंत्रालय से लेकर मैदानी इलाको में तैनात प्रभावशील सरकारी अफसरों से रूबरू करवाता था |

   
              अंदेशा यह भी जाहिर किया जा रहा है कि आँचल यादव हत्याकांड को एक से अधिक संदेहियों ने अंजाम दिया है | अभी इस तथ्य की पुख्ता पुष्टि नहीं हुई है कि आँचल यादव को कब और कहाँ मौत के घाट उतारा गया | उसके हाथ पैरो में रस्सियां किसने बाँधी और शव पर बाँधने के लिए पत्थर कहाँ से लाया गया | पुलिस सूत्रों को यह तथ्य गले नहीं उतर रहा है कि आँचल यादव की हत्या करने और उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए एकमात्र शक्श ही शामिल रहा | पुलिस सूत्र दावा कर रहे है कि हत्या में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते है , यही नहीं हत्या का मकसद भी मृतक के अनैतिक कार्य से परे हो सकता है |  फिलहाल पुलिस के हाथ कई ऐसे सुराग लगे है , जो तेजी से सबूतों में तब्दील हो रहे है | लिहाजा उम्मीद है कि जल्द ही इस हत्याकांड पर से पर्दा हटेगा |