छत्तीसगढ़ में अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थाओं के सेवा निर्वृत लगभग एक हजार शिक्षकों का हाल बेहाल है | उन्हें बीते पांच माह से पेंशन नहीं मिली है | पीड़ित शिक्षक, कभी बैंको का चक्कर काट रहे तो कभी स्कुल शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा संचालनालय का | लेकिन यहाँ भी उन्हें कोई बताने वाला नहीं है कि आखिर कब उनकी खातों में पेंशन की रकम जमा होगी | फिलहाल पीड़ित शिक्षक ” पाई -पाई ” को मोहताज है |
छत्तीसगढ़ अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थाओं के ” सेवा निर्वृत शिक्षकों ” का ना तो कोई ” संगठन ” है और ना ही आपस में वे एक दूसरे से जुड़े हुए है | उम्रदराज होने के चलते ना तो वे पहले जैसी ” भागदौड़ ” कर पाते है और ना ही शारीरिक रूप से इतने सक्षम है कि इस ” सरकारी बेरुखी ” को लेकर अपनी आवाज़ ” बुलंद ” कर सके | लिहाजा पीड़ित शिक्षक ” जनप्रतिनिधियों ” और ” मुख्यमंत्री ” को पत्र लिख कर पेंशन के लिए गुहार लगा रहे है | ” न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ” को भी पत्र लिख कर पीड़ित शिक्षकों ने अपना दर्द साझा किया है | इस पत्र के जरिये उन्होंने मांग कि है कि जल्द से जल्द उनके खातों में पेंशन की रकम भेजने की व्यवस्था की जाए | वरना जीवन यापन के लिए ” ब्याज ” में ली गयी रकम भी उनके लिए मुसीबत बन जायेगी | उधर शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा संचालनालय के अफसरों से ” पेंशन ” को लेकर हो रही दिक्कतों पर पूछतांछ करने पर “बजट आवंटन” में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया गया | फिलहाल अफसर यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर कब पीड़ितों को पेंशन मिल पाएगी |