विनोद चावला |
धमतरी | धमतरी जिले के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने के लिए अब ग्रामीण आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिए है | ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से शासन प्रशासन से मांग कर रहे पर सिर्फ मिल रहे आश्वासनों से अब ग्रामीण थक चुके है | उन्होंने कहा मांग पर शासन प्रशासन द्वारा सिर्फ आश्वासन ही प्राप्त हो रहा है | जिसके चलते अब आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ रहा है | उन्होंने दो टूक चेतावनी भी दी है कि अगर 2 अक्टूबर तक उनकी मांगों पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती है तो 111 वन ग्रामों के ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे | जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी|
दरअसल धमतरी जिले के 111 गाव .वन ग्रामों में शामिल है जहा के ग्रामीण वन संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में जून माह की तपती धूप मे कलेक्ट्रेट पहुंचे थे | उन्होंने अपने समस्या व मांग से धमतरी कलेक्टर को सुनाते हुवे ज्ञापन सौंपा था | उनका कहना था कि वन ग्राम होने के चलते उन्हें मूल भूत सुविधाओं का फायदा नहीं मिलता वन ग्राम होने के चलते स्वास्थ, शिक्षा , पेयजल , सहित धान बेचने में भी काफ़ी समस्या होती है | जिसके लिए वन ग्राम को राजस्व ग्राम बनाने की मांग की गई | ग्रामीणों की समस्या पर कलेक्टर रजत बंसल ने 25 जून को दूगली ग्राम में विषेश शिविर का आयोजन कर ग्रामीणों की समस्या पर जल्द कार्रवाई करने अधिकारियों को निर्देशित किया | पर आज तीन माह बीतने के बावजूद भी समस्या जस की तस बनी हुई है | संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने जिला प्रशासन को अल्टिमेटम देते हुवे चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या व मांगो पर 2 अक्टूबर तक कोई जानकारी नहीं दी जाती ,तो 111 वन ग्रामों के सभी ग्रामीण महिला पुरूष बच्चे बुजुर्ग उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे | जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी |
