अंतागढ़ टेपकांड को लेकर अदालत से “सरकार” को लगा जोर का “झटका” ,कमजोर पैरवी के चलते आखिरकर “वाइस सेंपल” की याचिका हुई ख़ारिज |  

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रायपुर | छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस की “नाक का सवाल” बन चुके अंतागढ़ टेपकांड की पड़ताल उस समय संकट में घिर गई जब स्थानीय अदालत ने “वाइस सैंपल” की याचिका को एक झटके में ख़ारिज कर दिया | याचिका ख़ारिज होने के बाद कई आरोपियों और संदेहियों के बच निकलने का अंदेशा बढ़ गया है | इस याचिका का ख़ारिज होना राज्य सरकार की बड़ी “विफलता” के रूप में देखा जा रहा है | दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कई महत्वपूर्ण कदमो को अदालत से लगातार “झटका” मिल रहा है | माना जा रहा है कि कमजोर पैरवी और कई क़ानूनी दाँवपेंचो का अध्ययन किए बगैर ही जिम्मेदार “महकमा” अदालत में अपना पक्ष रखता है | बगैर तैयारी के अदालत में “जिरह” करने से सरकार की मंशा पर “पानी फिरना” लाजमी माना जा रहा है |


न्यायाधीश लीना अग्रवाल की कोर्ट ने SIT की याचिका को कोर्ट ने आज खारिज कर दिया |  SIT ने आरोपियों के “वॉइस सैंपल” लेने के लिए जिला न्यायालय में आवेदन लगाया था | मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई थी | मंतूराम पवार अजीत जोगी अमित जोगी और पुनीत गुप्ता के “वॉइस सैंपल” के लिए SIT ने कोर्ट में आवेदन लगाया था |

बतादें कि अंतागढ़ टेपकांड मामले में कांग्रेस नेत्री किरणमयी नायक ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ पुनीत गुप्ता और मंतूराम पवार के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी | इस मामले में SIT जांच कर रही है | SIT इसके पहले सिद्दिकी से कई दौर की लंबी पूछताछ भी कर चुकी है  |