कोरबा \ गैंदलाल शुक्ला \ छत्तीसगढ़ में हाथियों के जंगल में रहने के लिए बनाई गई गजराज परियोजना के फाइलों में कैद हो जाने से लोगो की जान पर बन आई है । एक तरफ जहाँ हाथी ग्रामीणो को उनके गांव से खदेड़ना चाहते है । वही दूसरी ओर इंसान हाथियों को जंगल से । इस जंग में किसका पल्ला भारी रहेगा ये तो वक्त ही बताएगा । लेकिन जल , जंगल और जमीन को लेकर छिड़ी जंग में कभी इंसान तो कभी हाथियों को अपनी जान गवानी पड़ रही है । राज्य के आधा दर्जन जिलो में हाथियों और इंसानो के बीच जबरदस्त संघर्ष छिड़ हुआ है ।

ताजा मामला कटघोरा वन मंडल का है | जहाँ हाथियों के बढ़ते उत्पात से क्षेत्र में बसने वाले लोग हलकान हैं। बीती रात को एक हाथी ने ग्राम लेपरा में निवास पर एक ग्रामीण को पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दी हाथी हमले से मौत की खबर पाते ही वन अमले व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया और किसी तरह हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा गया बताया जाता है कि हाथियों की बढ़ती घटनाओं को लेकर विभागीय परेशान है और हाथियों को रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है ज्ञात रहे कि पिछले दिनों मछली मारने गए दो ग्रामीणों को एक साथ हाथियों ने मौत के घाट उतार दिया था पिछले 10 दिनों के दौरान कटघोरा अनुमंडल में हाथियों के हमले से तीसरी मौत है जबकि कई लोग घायल भी हो चुके हैं हाथियों के बढ़ते उत्पाद से क्षेत्र में बसने वाले लोग भयभीत हैं | हाथियों के लगातार हमलो से ग्रामीणों का दिमाग सातवे आसमान पर है | इससे पहले की ग्रामीण जनता हाथियों की जान की दुश्मन बन जाये, सरकार को प्रोजेक्ट एलिफेंट के काम मे तेजी लानी चाहिये |
