सस्पेंड डीजीपी मुकेश गुप्ता को जेल में देखना चाहते है आला पुलिस अधिकारी , आख़िरकार 19 सालो से गुमशुदा फाइल डीजीपी गिरधारी नायक की टेबल में | डॉ. मिक्की मेहता की मौत के रहस्यों पर से उठेगा पर्दा |

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कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता की दूसरी पत्नी मिक्की मेहता की मौत पर से करीब 19 साल बाद पर्दा हट सकता है | डॉ मिक्की मेहता के परिजन कई वर्षों से उसकी मौत की गुत्थी सुलझाने को लेकर गुहार लगा रहे थे | इसके लिए उन्होंने कभी अदालत का दरवाजा खटखटाया तो कभी पुलिस के आला अधिकारियों से गुहार लगाई | लेकिन अपने पद का दुरूपयोग कर आरोपी मुकेश गुप्ता ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया था | कभी उसने डॉ. मिक्की मेहता के परिजनों पर झूठे मामले दर्ज करवाये ,  तो कभी उन्हें अदलात में पहुंचने पर भी रोड़ा अटकाया | ताकि मिक्की मेहता की मौत रहस्यमय बनी रहे | बताया जाता है कि इस मामले में बच निकलने क लिए आरोपी मुकेश गुप्ता ने भिलाई के एक थाने से डॉ. मिक्की मेहता के मौत की केस डायरी ही गायब करवा दी थी | लेकिन अब यह डायरी पुलिस के हाथ लग गई है | दरअसल निलंबित होने के बाद डीजीपी मुकेश गुप्ता की अपने गुर्गो पर पकड़ कमजोर हो गई है | उसके ऊपर कई मामले दर्ज होने के बाद पुलिस कर्मी उसके साथ एक कुख्यात आरोपी की तर्ज पर पेश आ रहे है ना कि डीजीपी गुप्ता साहब | अब इस कुख्यात आरोपी की औकात आम गुंडे मवालियों की तरह हो गई है | लिहाजा जैसे ही पुलिस मुख्यालय से डॉ. मिक्की मेहता के फाइल बुलवाने के लिए दुर्ग पुलिस रेंज में सम्पर्क किया गया , तत्काल करीब 19 सालों से गुमशुदा फाइल और कई दस्तावेज डीजीपी गिरधारी नायक के टेबल पर आ गए | बताया तो यह भी जा रहा है कि पाप का घड़ा भरने के बाद आरोपी मुकेश गुप्ता के कई करीबी भी उसे जेल की हवा खिलाना चाहते है | इसलिए उन्होंने डॉ. मिक्की मेहता की संदिग्ध मौत को लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराये है | 

गौरतलब  है कि पीड़ित पक्ष डॉ. मिक्की मेहता के परिजन उसकी हत्या का आरोप मुकेश गुप्ता पर लगा रहे है | उनकी दलील है कि रायपुर के तत्कालीन एसपी मुकेश गुप्ता ने अपने सरकारी आवास में उनकी बेटी की हत्या की थी | इस दौरान उसने कानून का माखौत उड़ाते  हुए हत्या के प्रकरण को आत्महत्या में तब्दील कर दिया था | 

गौरतलब है कि आईपीएस मुकेश गुप्ता ने अपनी पहली पत्नी के रहते हुए भी मिक्की मेहता सेदुर्ग में गंधर्व विवाह किया था , लेकिन नौकरी जाने के भय से वे इस मामले को छिपाकर रखना चाहते थे | वर्ष 2001 में जब मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई तब उनके परिजनों ने साफ तौर पर यह आरोप लगाया था कि मिक्की ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गई है |  इस वजह से यह मामला वर्षों से चर्चित रहा है। मिली एक जानकारी के मुताबिक इस डायरी में मिक्की मेहता की मौत की पुलिस जांच के सारे तथ्य हैं। |  बताया जाता है कि इस डायरी के पिछले काफी समय से गायब रहने के कारण जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी |नई सरकार के गठन के बाद जब पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने नए सिरे से शिकायत की तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच का जिम्मा वरिष्ठ पुलिस अफसर गिरधारी नायक को सौंपा | खबर ये भी है कि गिरधारी नायक जल्द ही सरकार को रिपोर्ट सौंप देंगे | गौरतलब है कि नायक जून में रिटायर हो रहे हैं।