कई दिनों से लापता चल रहा कई गंभीर मामलो का कुख्यात आरोपी और सस्पेंड डीजीपी मुकेश गुप्ता ने पिछले चौबीस घंटो से बिलासपुर में डेरा डाला हुआ है | उसका दावा है कि हाईकोर्ट के कई नामी गिरामी जज उसकी पॉकेट में है | यह बेहद आपत्तिजनक दावा है, जो अदालत की गरिमा हनन करने से जुड़ा है | बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के एक जिम्मेदार अधिकारी से गिरफ्तारी ना होने का वादा लेकर मुकेश गुप्ता बिलासपुर में रुका हुआ है | उसकी मौजूदगी की सूचना पुलिस के कई अफसरों को भी है, लेकिन पुलिस विभाग के ” मुखियां ” से मिले संरक्षण के चलते यह कुख्यात आरोपी अदालती कार्यवाही को प्रभावित करने का खुल्लेआम दावा कर रहा है | पूरवर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल का हवाला देकर इस आरोपी ने कई माननीय न्यायधिशो से संपर्क करने का भी दावा किया है |
मुकेश गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने दो गंभीर मामलो को लेकर FIR दर्ज की है | बताया जाता है कि मुकेश गुप्ता के खिलाफ दो अलग अलग मामलो में दर्ज FIR की जांच नहीं करने, और उस पर रोक के साथ साथ अग्रिम जमानत की मांग को लेकर उसने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की है | इस मामले में अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है | हालांकि माननीय अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है | कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता अदालत से अपने पक्ष में फैसले का दावा अभी से कर रहा है | यही नहीं कई नामी गिरामी जजों का नाम लेकर वो सार्वजनिक तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर रहा है |
यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट निष्पक्षता के साथ अपने तमाम फैसले करता है | कई गंभीर मामलो में उसने दूध का दूध और पानी का पानी कर दृष्टांत पेश किया है | माननीय हाई कोर्ट और यहाँ पदस्थ सभी न्यायाधीश काफी गम्भीरतापूर्वक कानून सम्मत फैसले लेते है | लेकिन पूर्वर्ती बीजेपी सरकार में कानून का माखौल उड़ाने वाले इस कुख्यात आरोपी ने अब अदालत की भी गरिमा हनन करना शुरू कर दिया है |
बिला
बिलासपुर से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले चौबीस घंटो में कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता ने कुछ वकीलों, अपराधियों और कोयला कारोबारियों से मुलाकात की है | वकीलों से मुलाकात के बात तो जायज नजर आती है | लेकिन कुख्यात अपराधियों और कोयला माफियाओं से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे है |
यह मुलाकात शहर के आउटर में स्थित एक फार्म हॉउस में हुई है , जहाँ इस कुख्यात आरोपी ने शरण ली हुई है | बताया जाता है कि तीन दिन पहले नागपुर एयरपोर्ट से यह आरोपी सीधे बिलासपुर पंहुचा था | अदालती कार्यवाही का हवाला देकर उसने एक ” पुलिस प्रमुख ” से गिरफ्तारी ना होने का आश्वासन माँगा | आश्वासन जब वादे में बदल गया, तब आरोपी मुकेश गुप्ता बिलासपुर में दाखिल हुआ | गौरतलब है कि लगभग साढ़े तीन महीनो से मुकेश गुप्ता PHQ से नदारद है | इतने लम्बे समय से गैर हाज़िर होने के बावजूद उसके खिलाफ कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं हुई है | जबकि निलंबित एस.पी. रजनेश सिंह ड्यूटी ज्वाइन कर कुछ समय के लिए PHQ गैर हाजिर हो गए थे तो उनके खिलाफ पुलिस मुख्यालय ने फ़ौरन ” कारण बताओ नोटिस ” जारी कर दिया था | दो गंभीर मामलो में FIR दर्ज होने के बावजूद मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी ना होना चर्चा का विषय बना हुआ है | फिलहाल लोगो की निगाहें माननीय अदालत के फैसले पर टिकी हुई है |