सरकारी नौकरियों की राह देख रहे युवाओं के लिए बुरी खबर है | छत्तीसगढ़ में बंपर वैकेंसी का इंतजार लंबा हो सकता है । नई भर्तियों पर एक साल के लिए बैन लगा दिया गया है | वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार ने सीधी भर्ती पर रोक लगा दी है | सीधी भर्ती के लिए अब वित्त विभाग से अनुमति को अनिवार्य कर दिया गया है । राज्य सरकार ने इस बाबत आदेश जारी किया है । सभी विभागाध्यक्ष, कलेक्टर, कमिश्नर को जारी पत्र में साफ कहा गया है कि पीएससी और अनुकंपा नियुक्ति को छोड़ सीधी भर्ती के सभी पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग की अनुमति लेनी जरूरी होगी । अगले एक साल तक बिना वित्त विभाग के अनुमोदन के कोई भी पद नहीं भरा जा सकेगा । मतलब साफ है कि नयी नियुक्ति की प्रक्रिया अब लंबी हो गयी है, क्योंकि वित्त विभाग अब हर भर्ती के पहले वित्तीय भार और वित्तीय हालात की समीक्षा करेगा उसके बाद ही कोई फैसला लेगा ।
राज्य सरकार ने ये भी साफ किया है कि केंद्र प्रायोजित जिस योजना में पद स्वीकृत हैं, लेकिन 2019-20 के केंद्रीय बजट में उस पद को समाप्त कर दिया गया है, तो नियुक्ति के पहले अब नये सिरे से वित्त विभाग का अनुमोदन लेना होगा, साथ ही ये भी बताना होगा कि उसमें कितना वित्तीय खर्च आने वाला है । उन योजनाओं में रिक्त पदों पर यदि वित्त विभाग द्वारा भर्ती की अनुमति पूर्व में दी गई है किंतु अभी तक भर्ती नहीं की गई है तो ऐसे रिक्त पदों को भरने की अनुमति पुनः वित्त विभाग से प्राप्त की जाए | ऐसे प्रस्ताव को वित्त विभाग में भेजते समय इन पदों की पूर्ति पर आने वाले वार्षिक वित्तीय भार तथा पदों की पूर्ति की आवश्यकता का औचित्य दर्शाया जाए आदेश में ये भी कहा है गया ही कि टेक्निकल वैसे पद जिसमें प्रशिक्षण की जरूरत है, उन पदों पर भर्ती के पहले राज्य् में प्रशिक्षाणार्थी की संख्या देख ली जाये । राज्य सरकार का ये आदेश निगम, मंडल, आयोग, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त कार्यालयों के लिए भी जारी होगा ।
आदेश की प्रति में आगे उल्लेखित है कि यह निर्देश राज्य के शासकीय कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्था आदि के लिए भी लागू होंगे | यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे |