उपेंद्र डनसेना रायगढ़।
पालतू हाथी को सड़क पर घुमाकर मांग कर खाने वाले महावत को पहले वन विभाग वन अधिनियम की धाराओं के तहत पकड़ते है और करीब 20 दिनों तक उसे अपने डिपो में रखते जरूर हैं | लेकिन सही रख रखाव व हाथी के लिए उचित भोजन नही होनें से परेशान महावत ने आज वन विभाग के कार्यालय के सामने अपना पालतू हाथी बांध कर अपना अनोखा विरोध जताया । महावत के इस विरोध से वन विभाग के अधिकारियों में हडकंप मच गचा और कोई भी महावत का विरोध देखकर सामने नही आ रहा था ।
जंगली हाथी यूपी के भदोई जिले के महावत नागेश्वरनाथ का है और इसे वन विभाग के अधिकारियों ने इसलिए पकड़कर बैठा रखा है कि उसके पास हाथी के वैध कागज नही है । बतादें कि हाल ही में सारंगढ़ में एक पालतू हाथी की मौत होनें के बाद राज्य शासन ने पालतू हाथियों के घुमाने व उनके नाम पर मांग कर खाने पर भी न केवल प्रतिबंध लगा दिया है | बल्कि वन विभाग को कडी कार्रवाई के दिशा निर्देश भी दिए हैं और इसी के चलते सारंगढ़ में हाथी की मौत के बाद महावत को जेल भेज दिया गया था | उसके बाद यह दूसरी कार्रवाई थी जब हाथी को महावत सहित वन विभाग ने लोगों ने पकड़कर सही कागजात पेश करने को कहा है । वन विभाग के रवैये से परेशान महावत अधिकारियो पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के अधिकारी हाथी को पूरा खाना तक नही देते । इतना ही नही बार-बार आग्रह करने के बाद भी उनकी बात सुनी नही जाती । वह यह भी कहता है कि जो भी कागजात वन विभाग मांग रहा है वह देने को तैयार है पर वक्त नही दिया जा रहा है । उन्होने बताया कि 20 दिनों से उसे बैठाए रखा है तो ऐसे में उसके साथ न्याय कैसे होगा ।
पालतू हाथी को लेकर महावत द्वारा वन विभाग कार्यालय के सामने बांधे जाने की बात जब आम होती है तब जिले के पर्यावरण एवं पशु प्रेमी गोपाल अग्रवाल को लगी तो वे मौके पर पहुंचते हैं और वे भी महावत की बात का समर्थन करते हुए कहते हैं कि जब हाथी को पकड़ा गया है तो उसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी वन विभाग की है और इससे पल्ला झाडऩे की बात बिल्कुल गलत है । उनका यह भी आरोप था कि वन विभाग ऐसे मामलों में कार्रवाई के नाम पर जबरन महावत को परेशान कर रहे हैं और जांच के बाद महावत को और उसके हाथी को न्याय मिलना चाहिए । वन मंडलाधिकारी से जब हमने पालतू हाथी के वन विभाग कार्यालय के सामने बांधे जाने पर सवाल किया तो उन्होंने माना कि महावत के आरोप सही है और इसके लिए तत्काल उन्होनें वन परिक्षेत्र अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं | उन्होंने यह भी बताया कि पालतू हाथी को रखने के लिए जो कागजात होने चाहिए वह महावत के पास नही है । बार-बार उनसे कागजात मांगे जाने के बाद भी प्रस्तुत नही किए जा रहे हैं | जिसके चलते वन्य प्राणी संरक्षण के धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है अगर वे कागजात ले आते हैं तो उनके हाथी को मुक्त कर दिया जाएगा ।
बहरहाल अपने आप में नए तरह के विरोध हाथी भी शामिल होता दिखा चूंकि उसकी आंखों से बरसते आंसु इस बात की गवाही दे रहे थे कि वन विभाग उसे ठीक से खाना भी नही दे रहा था , अब देखना यह है कि विभाग के बडे अधिकारी के आदेश के बाद इनकी देखरेख सही ढंग से हो पाती है या नही ।