वन विभाग की टीम ने 45 लाख रूपये कीमत के हाथी दांत के साथ 8 लोगों को दबोचा | 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है |  वन मंडल बलरामपुर के अंतर्गत परिक्षेत्र रघुनाथनगर स्थित वन खण्ड शंकरपुर में दो सप्ताह पूर्व एक नर दंतैल हाथी की मौत हो गई थी | मौत के बाद हाथी के दोनों दांत आरोपियों ने निकाल लिया और उसकी तस्करी करने के फ़िराक में थे | दांत की अनुमानित कीमत करीब 45 लाख रूपये बताई जा रही है | पुलिस ने आरोपियों के पास से हाथी  दांत  बरामद कर लिया है | मामले में हाथी अनुसूची व वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस प्रकरण में फरार अन्य 3 लोगों की तलाश जारी है। जानकारों का कहना है कि हाथी दांत की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 2 हजार डॉलर प्रति किलो है। इस हिसाब से जब्त किए गए दांत तकरीबन 45 लाख रुपयों के हैं। दोनों हाथी दांतों में से एक का वजन 15.90 किलोग्राम तथा दूसरे दांत का वजन 16.40 किलोग्राम है | 

वन विभाग की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ग्रामीणों ने जंगली सुअर के मीट के लिए उसका शिकार करने के मकसद करंट वाले तार जंगल में बिछा रखे थे। जंगलों से होकर गुजरने वाले हाई वोल्टेज कनेक्शन से इस तार को जोड़ दिया गया था। सुअर तो इन तारों में नहीं फंसे मगर हाथी की इससे मौत हो गई। हाथी के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण करंट लगना ही पता चला। सरगुजा के वन संरक्षक एबी मिंज ने इस मामले में जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए थे। बलरामपुर के वन मंडल अधिकारी प्रणय मिश्रा ने जांच में ग्रामीणों से पूछताछ की। दावा किया जा रहा है पूछताछ में ग्रामीणों ने यह बातें बताईं। हाथी की लाश से दांत काटकर ग्रामीण ले गए थे।  जानकारों के मुताबिक गोरखपुर के रास्ते नेपाल और इसके बाद चीन में हाथी के दांत बेचे जाते हैं। मुमकिन है कि सरगुजा में भी तस्कर अपना नेटवर्क स्थापति करना चाह रहे हो। हाथी दांतों की बरामदगी के लिए मुख्य वन संरक्षक की ए.बी. मिंज के मार्गदर्शन में तथा वन मण्डलाधिकारी बलरामपुर डॉ. प्रणय मिश्रा के निर्देशन में जांच टीम संयुक्त वन मण्डलाधिकारी एस. सिंहदेव के नेतृत्व में गठित की गई थी। प्रकरण में वनपरिक्षेत्राधिकारी रामशरण राम, उपवन क्षेत्र पर गणेश सिंह, वनपाल शिवनाथ ठाकुर का सहयोग सराहनीय रहा।