सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना की “रामायण सर्किट थीम” के तहत उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार सहित नौ राज्यों में विकास के लिए 15 स्थानों की पहचान की है । केंद्र सरकार की पर्यटन से जुड़ी “रामायण सर्किट योजना” में छत्तीसगढ़ को शामिल कर लिया गया है । जगदलपुर में इस योजना के तहत कार्य किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार से प्रस्ताव मांगा गया है ।राज्य सरकार जल्द ही रामायण काल से जुड़ी छत्तीसगढ़ के प्रमुख स्थानों को चिन्हित करने और उन्हें विकसित करने के लिए काम शुरू करने वाली है । जिसके बाद पूरी परियोजना तैयार करके केंद्र में भेजेगी ।
जगदलपुर का इतिहास बहुत पौराणिक और ऐतिहासिक रहा है । बस्तर का यह जिला प्रदेश का चौथा सबसे बड़ा जिला है । इसमें रामायण कालीन बहुत से अवशेष प्राप्त हुए हैं । इसके साथ ही प्राकृतिक रूप से जगदलपुर बहुत समृद्ध है । जगदलपुर का इतिहास हमें वाल्मिकी के रामायण काल में ले जाती है । यह क्षेत्र प्रसिद्ध दंडकारण्य वन माना जाता है । वनवास के दौरान यहां से श्री राम गुजरे थे । विद्वानों ने यहां वाल्मीकि के आश्रम की पहचान भी की है । बतादें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में अपने नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली के साथ दो पावन स्थलों जनकपुर और अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा का शुभारंभ किया | यह बस सेवा नेपाल-भारत के तीर्थाटन को बढ़ावा देते हुए रामायण सर्किट का हिस्सा है ।
ये स्थल हैं रामायण सर्किट में
शामिल उत्तर प्रदेश के अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट, बिहार के सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा, मध्यप्रदेश के चित्रकूट, ओडिशा के महेंद्रगिरी, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर, महाराष्ट्र के नासिक और नागपुर, तेलंगाना के भद्राचलम, कर्नाटक के हम्पी और तमिलनाडु के रामेश्वर को स्वदेश दर्शन योजना की रामायण परिपथ थीम में शामिल किया गया है | इसके लिए पर्यटन मंत्रालय ने राज्य सरकारों से रामायण परिपथ के अंतर्गत विकास के लिए परियोजना प्रस्ताव तैयार करने को कहा है ।
बताया जा रहा है कि इन परियोजना प्रस्तावों के तहत उत्तर प्रदेश में चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर के विकास के लिए 2016-17 में 69.45 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए जिसमें से 52.17 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं ।
