राज्य सरकार की बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा के बाद से रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने के लिए बेरोजगारों भीड़ लगी है | ऑनलाइन पंजीयन कराने के लिए युवा च्वाइस सेंटर का भी रुख कर रहे हैं । कांग्रेस सरकार का बेरोजगारी भत्ता देने का आदेश अभी रोजगार कार्यालय में नहीं पहुंचा है । इसका मापदंड क्या होगा, किस कैटेगरी के युवा लाभ ले सकेंगे, कुछ तय नहीं है । केवल रायपुर शहर में ही एक लाख से ज्यादा लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं । जिला रोजगार कार्यालय में एक लाख पांच हजार लोगों का जीवंत पंजीयन है । ज्ञात हो कि जीवंत पंजीयन वालों को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान तत्कालीन बीजेपी सरकार ने 2015 में खत्म कर दिया गया था ।
राज्य में बेरोजगारी खत्म करने के लिए निजी कंपनियों के प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जा रहा है | लेकिन पिछले तीन साल में केवल 3213 लोगों को ही काम मिल सका है । याने कि औसतन हर 30 बेरोजगार में केवल एक को नौकरी मिली ।कांग्रेस सरकार का बेरोजगारी भत्ता देने का एलान बेरोजगारी के घाव पर मरहम की तरह है | उप संचालक एओ लारी के मुताबिक जीवंत पंजीयन के आकड़े में फिलहाल कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है । उन्होंने कहा कि प्लेसमेंट के जरिए ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है ।
जिला रोजगार कार्यालय की ओर से 2015 से अब तक 226 बार प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया गया । इस बीच प्लेसमेंट कंपनियां कुल 46 हजार रिक्तियां लेकर आईं । इन कैंपों में 37 हजार से ज्यादा युवा पहुंचे थे, लेकिन सिर्फ 3213 ही काम मिल पाया | लगभग साढ़े 11 फीसद को नौकरी मिली और जिन्हें नौकरी मिली, उनसे प्लेसमेंट चार्ज भी वसूला गया ।
मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित ऑडिटोरियम में जिला रोजगार कार्यालय की तरफ से कंप्यूटर डिप्लोमा, साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके युवाओं को इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी सेक्टर में नौकरी दिलाने के लिए बड़े प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया गया । आयोजित कैंप में सैकड़ों की संख्या में युवा पंजीयन कराने पहुंचे । बड़ी साफ्टवेयर इंजीनियरिंग कंपनी के इस कैंप में युवाओं ने कैरियर गाइडेंस पर सवाल कर अपनी उलझनें दूर की । योग्यता के आधार पर कंपनी ने रजिस्ट्रेशन और फिर भर्तियां करने का आश्वासन दिया ।