मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का रमन सिंह पर तीखा हमला ,कहा -कैसे कैसे ये मंजर सामने आने लगे “नान” वाले “धान” पर सवाल उठाने लगे  

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रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजनीती में धान खरीदी को लेकर भूचाल मच हुआ है | एक तरफ जहाँ कांग्रेस धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि को लेकर केंद्र की बीजेपी शाषित सरकार को आड़े हाथो ले रही है वही राज्य में 15  साल राज करने  के बाद विपक्ष में बैठ बीजेपी के तमाम नेता कांग्रेस की करनी और कथनी को लेकर उन्हें आईना दिखा रहे है |  दरअसल कांग्रेस ने अपने  घोषणा पत्र में ये वादा किया था की वो किसानो से 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदेगी | जिसके लिए राज्य की कांग्रेस सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिख कर समर्थन मूल्य में वृद्धि किये जाने को लेकर प्रस्ताव भी भेजा था | पर अंत में राज्य की कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से तय MSP ( मिनिमम सपोर्ट प्राइज)  पर ही धान खरीदने का फैसला किया है | पर इन सब के बीच राज्य के मुखिया भूपेश बघेल ने ये साफ़ कर दिया कि अंत में किसानो को उनके धान के एवज में 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर से ही उनके जेब में राशि पहुंचेगी | 


छत्तीसगढ़  विधानसभा में आज धान खरीदी पर स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बयान दिया | केंद्र के नीतिगत फैसले में आ रही अड़चनों का हवाला देते हुए उन्होंने केंद्र की तय एमएसपी यानी 1850 रूपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान की खरीदी की जाएगी, पर  2500 रूपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है, जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए | 

 वही धान खरीदी को लेकर पक्ष-विपक्ष में तकरार के बाद अब सोशल मीडिया में ट्विटर वार भी शुरु हो गया है |  पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने शायराना अंदाज में ट्विटर पर सीएम भूपेश बघेल पर हमला बोला है |  अपने ट्विटर में रमन सिंह ने लिखा कि ” कमेटी के कांधों पर अपने वादे कब तक लादोगे हर मोड़ पर जनता पूछेगी कितनी दूर तलक भागोगे ” | रमन सिंह ने धान  खरीदी को लेकर कमेटी बनाए जाने को लेकर कांग्रेस के  कदम को  किसानों के साथ विश्वासघात करार दिया है | 

  वही इस ट्विटर वार में भूपेश बघेल ने भी भाजपा को आड़े हाथो ले ही लिया |  सी.एम. ने कहा, “कैसे कैसे ये मंजर सामने आने लगे “नान” वाले “धान” पर सवाल उठाने लगे वादा किया है किसानों से, हर हाल में निभायेंगे “पनामा” नहीं किसानों की “जेब” भरकर दिखायेंगे | राज्य में 32  लाख से ज्यादा किसान परिवार है जो दोनों पार्टियों के तू -तू मैं-मैं के बीच फंस गए है |  सरकार के इस फैसले से किसानो को एक आस दिखाई दे रही है |