रायपुर / छत्तीसगढ़ में योग की ब्रांड एम्बेसडर दामनी साहू ने दुनिया में एक बार फिर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है | 28 से 30 जून के बीच बुल्गारिया में हुए 4th वर्ल्ड योग फ़ेस्टिवल एंड चैंपियनशिप में दामनी ने दो सिल्वर मेडल जीते हैं | सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें कनाडा और बुल्गारिया से योग प्रशिक्षक पद के लिए प्रस्ताव मिला है। 7 कैटेगिरी में हुई इस प्रतियोगिता में चीन, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड सहित 16 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था | मेडल जीत कर घर लौटी दामनी साहू का उनके शुभचिंतकों ने जोरदार स्वागत किया |
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में जलवा दिखाने वाले खिलाड़ी तो बहुत हैं, लेकिन कुरूद ब्लाक के दर्रा की दामिनी की बात अलग है। वे संघर्ष के साथ कठिन रास्ते पर चलकर योग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बन गईं। दामिनी ने बताया कि वह आगे योग में ही अपना कॅरियर बनाना चाहती हैं और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैं। बता दें कि दामिनी के पिता परदेशीराम साहू एक हाथ से दिव्यांग हैं। इसके बाद भी वे रोजी -मजदूरी कर, मेले-मड़ई में गुब्बारा बेचकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उन्होंने अपनी बच्ची को कठिन परिस्थितियों, गरीबी, तंगहाली में संघर्ष से पालन-पोषण करने के साथ शिक्षा-दीक्षा प्रदान कर इस काबिल बना दिया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा लिया।
पिता के साथ मजदूरी की :-
नेपाल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में शामिल होने के लिए पिता द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए दामिनी ने पिता के कंधे से कंधा मिलाकर भवन निर्माण कार्य में पिता के साथ मजदूरी की। कॉलेज छात्रा ने रेजा बनकर काम करना स्वीकार किया, लेकिन हिम्मत हारना उसे मंजूर नहीं था। आज दामिनी संघर्ष का जीवन जी रही लड़कियों, युवतियों और महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। द ग्रेट इंडिया स्कूल गोदही (मंदिर हसौद) में बतौर योग शिक्षक काम करने वाली दामिनी साहू ने बताया कि कक्षा नौवीं में पढ़ते समय स्कूल के खेल शिक्षक राजकुमार साहू से योग के बारे में जाना और योग सीखा।