लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के सांसदों की टिकट काटकर नये चेहरो को मौका दिए जाने का भाजपा का दांव उलटा पड़ता नजर आ रहा है | इस निर्णय के विरोध में पार्टी के भीतर से ही स्वर भी तेज हो गये है । पहली आवाज जांजगीर से आयी है हालांकि ये बागी सुर खुद सांसद की तरफ से तो नहीं आये हैं ,लेकिन उनके बेटे ने टिकट वितरण को लेकर जरूर सवाल खड़े कर दिये हैं । दरअसल जांजगीर लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसद कमला देवी पाटले के स्थान पर गुहाराम अजगल्ले को भाजपा आलाकमान ने टिकट दिया है | मौजूदा सांसद कमला पाटले के बेटे प्रदीप पाटले ने नए प्रत्याशी उतारे जाने के बाद प्रत्याशी गुहाराम अजगले के लोकसभा क्षेत्र से बाहरी होने को लेकर सवाल उठाया है । सांसद के बेटे प्रदीप पाटले ने फेसबुक में लिखा है कि क्या बीजेपी को जांजगीर-चाम्पा लोकसभा क्षेत्र में स्थानीय प्रत्याशी नहीं मिला | उन्होंने पार्टी आलाकमान पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा में हार का ठिकरा सभी सांसदों पर फूटा है,लेकिन जिनके ऊपर उक्त चुनाव की जिम्मेदारी थी, उनको उपाधि नवाजी गई, और लोकसभा भी उन्हीं के हाथ में दे दिया |
गुहाराम अजगले, रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं । 2004 में सारंगढ लोकसभा क्षेत्र से गुहाराम अजगले बीजेपी के सांसद बने थे । इसके बाद गुहाराम की टिकट काटकर 2009 में कमला पाटले को टिकट दी गई थी और कमला पाटले 2 बार लगातार चुनाव जीती । इस बार बीजेपी ने सारंगढ़ से अलग जांजगीर से टिकट दिया है । जिस पर सांसद कमला पाटले के बेटे प्रदीप पाटले ने बीजेपी के प्रत्याशी गुहाराम अजगले की स्थानीयता को लेकर फेसबुक में सवाल उठाया है ।
पूर्व विधायक निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए खरीदा नामांकन फॉर्म
उधर कांकेर लोकसभा सीट पर मोहन मंडावी को टिकट दिए जाने से नाराज बीजेपी की पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फॉर्म खरीदा है | वर्ष 200-13 तक कांकेर की विधायक रहीं सुमित्रा मारकोले का कहना है कि मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जन भावनाओं को देखते हुए चुनाव लड़ रही है | क्योंकि यहां पार्टी में जो काम कर रहे हैं, उनकी कोई इज्जत नहीं है | कार्यकर्ता वर्षों से इस भरोसे पर काम करते हैं कि उन्हें भी अवसर मिलेगा, लेेकिन जब बाहर से प्रत्याशी लाकर चुनाव लड़वाएंगे तो कहां से पार्टी के लोग काम करेंगे | उन्होंने कहा कि पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है | सालों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया है, जिसमे कभी पार्टी का झंडा तक नहीं उठाया |