छत्तीसगढ़ में साल 2013 मई माह में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ मामले में जबलपुर सीबीआई ने FIR दर्ज किया है । इस मुठभेड़ में चार बच्चों सहित 8 आदिवासियों की मौत हो गई थी । छत्तीसगढ़ सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई छत्तीसगढ़ में FIR दर्ज नहीं कर सकती थी । पिछले डेढ़ माह से चल रही पसोपेश की स्थिति के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले में केस दर्ज कर लिया है ।
गौरतलब है कि दक्षिण बस्तर के एडसमेटा गांव के पास वर्ष 2013 में 17-18 मई की रात को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच गोलीबारी में तीन बच्चों और CRPF की कोबरा बटालियन के एक जवान ,चार बच्चे ,समेत आठ ग्रामीणों की जान चली गई थी । ग्रामीणों अनुसार वे सभी देवगुडी में बीज त्यौहार मनाने के लिए इकठ्ठा हुए थे , तभी पुलिस मौके पर पहुंची और निरोधो को दौड़ा दौड़ा कर मारा । कर्मा पाडू ,कर्मा गुड्डू ,कर्मा जोगा ,कर्मा बदरू ,कर्मा शम्भू ,कर्मा मासा ,पूनम लाकु ,पूनम सोलू की मौत हो गई । इसमें तीन बेहद कम उम्र के बच्चे थे । इसके अलावा ,छोटू ,कर्मा छन्नू , पूनम शम्भु और करा मायलु घायल हुए थे । घटना के बाद राज्य सरकार ने ग्रामीणों के लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद घटना की जांच के लिए न्यायमूर्ति वी.के. अग्रवाल की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया था, लेकिन नतीजा सिफर रहा । इस घटना के बाद तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख का मुआवजा देने का भी ऐलान किया था ।