छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव होगा पहला चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा । तीन सीटों पर 18 अप्रैल यानी दूसरे चरण में मतदान होगा और 23 अप्रैल को बाकी सात सीटों पर मतदान प्रक्रिया संपन्न होगी । पहले चरण में मतदान होना है,वहनक्सल प्रभावित इलाका है । चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा बलों की तकरीबन कुल 750 कंपनियां तैनात की जाएंगी | इन जवानों को मोर्चा संभालने के लिए नक्सल क्षेत्र में तैनात किया जाएगा । चुनाव आयोग के लिए बस्तर में शांतिपूर्ण चुनाव कराना कड़ी चुनौती है । क्योंकि घात लगाए बैठे नक्सली सड़कों पर IED बम लगाकर गाड़ियों को अपना निशाना बनाते हैं । सबसे बड़ा खतरा नक्सलियों की बारूदी सुरंगे है | सुकमा जिले की तीन दर्जन से अधिक सड़को और पगडंडियों व जंगल से होकर गुजरने वाले रास्तों में नक्सलियों ने कई बारूदी सुंरग बिछाए रखे है | जिसमे कई जवानो व ग्रामीणों ने अपनी जान गवाई है | नक्सली भी चुनाव का हमेशा विरोध करते रहे हैं । इस बार भी लोकसभा चुनाव का विरोध करते हुए पर्चा फेंके हैं | ग्रामीणों को भी वोट डालने नहीं जाने चेतावनी दी थी ।
चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान को लेकर प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है । चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं । सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने सुदूर क्षेत्रों में बनाए गए मतदान केंद्रों में मतदान कराने के लिए 80 मतदान दलों को हवाई यात्रा से और 4 मतदान दलों को नावों में भेजने की तैयारी की है । वहीं 199 मतदान दलों को पैदल की केन्द्रों तक जाना होगा । मतदान अधिकारी डॉ. अय्याज तंबोली के निर्देश पर सभी मतदान दलों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है । दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में चार मतदान दलों को इंद्रावती नदी नाव से पार करा कर भेजा जाएगा । वहीं बीजापुर, चित्रकोट, कोंटा और नारायणपुर के कुछ मतदान दलों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाया जाएगा । इस प्रकार कुल 80 मतदान दल अपने गंतव्य तक हवाई यात्रा कर पहुंचेंगे । बस्तर के सुकमा जिले की विपरीत भगौलिक , साजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों के चलते पिछले तीन दशकों से यह इलाका नक्सलियों का सरक्षित पनाहगार माना जाता है | लेकिन अब इस इलाके में सुरक्षाबलों की बढ़ी धमक के कारण नक्सलियों के प्रभाव वाला इलाका सिकुड़ता जा रहा है | बावजूद इस इलाके में नक्सलियों का दहशत कायम है |
कोंटा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मतदान दलों को जिनकी संख्या करीब 40 है, हेलीकॉप्टर के माध्यम से मतदान केंद्र तक पहुंचाया जाएगा । पिछले लोकसभा चुनाव के समय की गई व्यवस्था में कुछ परिवर्तन कर मतदान दलों को भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है । इसी प्रकार चुनाव संपन्न कराने के लिए करीब 199 मतदान दलों को मतदान केंद्रों पर पैदल ही अपना सामान लेकर जाना होगा । इन मतदान दलों को सुरक्षा बलों की पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाएगी । बस्तर संसदीय क्षेत्र में स्थापित 1878 मतदान केंद्रों में से 1451 ऐसे मतदान केंद्र है जहां पहुंचने में कोई रूकावट नहीं होगी । वहीं शेष मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए थोड़ी असुविधा जरूर होगी ।