बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता उन्नयन हेतु सदैव तत्पर रहे प्राचार्य – निलेश महादेव क्षीरसागर  |  

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जशपुरनगर \  प्रेम प्रकाश शर्मा \    प्राचार्य  विद्यार्थियों के शैक्षणिक गुणवत्ता उन्नयन हेतु सदैव कार्य करना चाहिए और बोर्ड परीक्षा परिणाम हेतु लक्ष्य तय कर रणनीति के तहत अध्यापन व्यवस्था कायम करनी चाहिए। ताकि उनके विद्याालय में अध्ययनरत शत् प्रतिशत बच्चे उत्तीर्ण हो । उक्त विचार जिला कलेक्टर  निलेश महादेव क्षीरसागर ने यशस्वी जशपुर कार्यक्रम अन्तर्गत जिले के शासकीय विद्यालयों  के विद्यार्थियों के शैक्षणिक गुणवत्ता उन्नयन हेतु आयोजित वि.ख.षि.षि़क्षा  अधिकारियों एवं  प्राचार्यो की मासिक समीक्षा बैठक में व्यक्त करते हुए कहा कि  प्राचार्यों का लक्ष्य होना चाहिए कि उनके विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी अपने विद्यालय में बेहतर प्रदर्शन करें और विघालय का कोई भी विद्यार्थी परीक्षा में अनुत्तीर्ण  न हो एवं प्रत्येक विद्यार्थी कम से कम प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हों । उन्होंने कहा कि प्राचार्य को बच्चों में अनुशासन की भावना जागृत कर अनुशासित रहने हेतु मार्गदर्शन देते हुए बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि जागृत करने हेतु शिक्षा का महत्व बताते हुए मोटिवेट करना चाहिए ।   उन्होने कहा कि जिले के विद्यालयों में स्वच्छता का भी पूर्ण ध्यान रखना चाहिए ।   प्राचार्यो को विद्यालय में एक बेहतर शैक्षणिक वातावरण निर्माण करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए ताकि अध्ययनरत विद्यार्थियों को एक अच्छा गुणवत्ता युक्त शैक्षणिक वातावरण मिले और वे पहले से ज्यादा अच्छा शैक्षणिक प्रदर्शन कर सकें । प्राचार्यों को विद्यार्थियों की हर गतिविधि पर नजर रखते हुए उनकी शैक्षणिक प्रगति हेतु कार्य करना चाहिए । उन्होने कहा कि यह तय है कि विद्यालय का परीक्षा परिणाम विद्यार्थियों की उपस्थिति पर निर्भर करता है। जिस विद्यालय में विद्यार्थियों की उपस्थिति का प्रतिशत ज्यादा होगा उस विद्यालय का परीक्षा परिणाम बेहतर होगा। श्री क्षीरसागर ने कहा कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी,सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा विद्यालयों की मानिटरिंग करनी चाहिए।

   इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी एन.कुजूर ने कहा कि प्राचार्यों को विद्यार्थियों हित में पूर्णरूप से समर्पित होकर कार्य करना चाहिए और बच्चों की शैक्षणिक समस्याओं के समाधान हेतु पहल करनी चाहिए। बच्चों का निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाना चाहिए । बच्चा स्वस्थ्य रहेगा तो  निश्चित ही पढ़ाई में उसका मन लगेगा । कार्यशाला में यशस्वी जशपुर के नोडल अधिकारी  विनोद कुमार गुप्ता ने विद्यालय संचालन में आने वाली परेशानियों की जानकारी प्राचार्यों से प्राप्त कर उसके समाधान के तरीके बताये । उन्होंने कहा कि प्राचार्यों को विद्यालय में अध्ययनरत सभी बच्चों के शैक्षणिक प्रगति की जानकारी उनके कक्षा शिक्षकों से प्राप्त करनी चाहिए और बच्चों को लगातार मोटिवेट करना चाहिए । कार्यशाला में यशस्वी जशपुर के संजीव शर्मा  एवं समस्त विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी,सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी,  एवं प्राचार्य उपस्थित थे ।