ऋतुराज वैष्णव / रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी गांवों में 26 जनवरी तक गौठान और चारागाहों की जमीन चिन्हांकित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन आयोजित होने वाली ग्राम सभा में गांव के लोगों को इस जमीन की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद से इस जमीन का उपयोग गौठान और चारागाहों के रूप में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालय मे हार्टीकल्चर पर आयोजित सम्मेलन के शुभारंभ के बाद मिडिया से चर्चा के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आज गाय, गरू हो गया है।यानि लोग उसे बोझ समझते हैं। इसे दूर करने के लिए गांवों में गौठान और चारागाह की जमीन को चिन्हांकित करने कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा को कृषि से जोड़ना जरूरी है। जब तक इसे नहीं जोड़ा जायेगा, किसानों का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आज राज्य की सबसे बड़ी समस्या मवेशी है, हमारी एक गलत परम्परा है जो फागुन महीने के बाद मवेशियों को खोल दिया जाता है, पूरी दुनिया में गाय दूध देने का माध्यम है | कांग्रेस ने चुनाव के पहले ही एक स्लोगन जारी किया था जिसमें छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का उल्लेख किया गया था। मुख्यमंत्री ने इसी को आधार बनाकर विभागीय अधिकारियों को इसके लिए जमीन खोजने का काम दे दिया है ताकि इस सूत्र वाक्य को पूरा करने की दिशा में एक पहल शुरू हो सके।