
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मिड डे मील में अंडे को शामिल किए जाने को लेकर एक पत्र लिखा है । उन्होंने पत्र में मोहन मरकाम में अंडा वितरण योजना में सभी वर्गों व संगठनों से अपील की है । मोहन मरकाम ने कहा है कि अंडा खाना जनजातीय लोगों की परंपरा रही है, लेकिन महंगे होने की वजह से वो अब लोगों के भोजन से दूर हो गया है । मोहन मरकाम ने कहा कि प्रोटीन, मिनिरल्स और विटामीन का संपूर्ण संग्रह अंडा में मिलता है, इसके नियमित सेवन से कुपोषण से मुक्ति मिल सकती है । मोहन मरकाम ने सभी वर्गों से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार ने कुपोषण से मुक्ति के लिए जो महाअभियान शुरू किया है, उसके लिए सहयोग करे ।
उन्होंने लिखा है कि 15 सालों के शासनकाल में बीजेपी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए कोई भी उल्लेखनीय कार्य नहीं किया । कुपोषण जैसे अति संवेदनशील विषय पर बस्तर अंचल को देश के सबसे पिछड़े जिलों की श्रेणी में ला खड़ा किया । सभ्य समाज के लिए इससे बड़ा कलंक क्या हो सकता है । उन्होंने लिखा है कि सरकार ने राज्य को कुपोषणमुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है । कुपोषण एवं एनीमिया पीड़ित बच्चों एवं महिलाओं को स्थानीय समुदाय के रुचि के अनुसार मुफ्त पौष्टिक आहार देने का जो कार्य आरंभ किया है, वह सराहनीय है । उन्होंने बीजेपी और अन्य सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वह इसे राजनीतिक रंग न दें और प्रदेश को कुपोषणमुक्त बनाने के अभियान में सहयोग करें ।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के 46 फीसदी बच्चे आज भी कुपोषण के शिकार हैं | कुछ लोग सरकार की ओर से अंडे को शामिल किए जाने का समर्थन कर रहे हैं | लेकिन एक खास समाज के विरोध ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है |