समाज को हिला देने वाला एक खौफनाक मामला सामने आया है | एक गर्भवती मुस्लिम महिला और उसकी दो बहनों को पुलिस थाने में निर्वस्त्र कर यातना दी गईं, उसके बाद जमकर मारपीट की गई | यह पूरा मामला असम के दरांग जिले का है | यह खौफनाक घटना वैसे तो 8 सितंबर को घटी थी लेकिन लोगों और मीडिया के सामने मंगलवार को आई | जानकारी के अनुसार, दरांग जिले की पुलिस ने बुरहा पुलिस आउट पोस्ट से तीन महिलाओं को पकड़ा | यह तीनों गुवाहाटी के सिक्समाइल इलाके की रहने वाली हैं जिनके नाम मिनुवारा बेगम, सनुवारा और रौमेला हैं | इन्हें एक अपहरण के केस में पूछताछ के लिए पकड़ा गया था | बाद में 10 सितंबर को पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक के शिकायत करते हुए बताया कि उसे और उसकी दो बहनों को बुरहा पुलिस आउट पोस्ट के इंचार्ज महेंद्र शर्मा ने 8 सितंबर को पकड़ा | उसने और एक लेडी कॉन्स्टेबल ने पूरी रात उन्हें निर्वस्त्र कर टॉर्चर किया और शरीर के नाजुक अंगों पर भी वार किया |
पुलिस ने न सिर्फ उन्हें बुरी तरह मारा बल्कि उनके प्राइवेट पार्ट के साथ भी छेड़खानी की | पुलिस अफसर ने पिस्तौल से धमकाते हुए कहा था कि यदि हमारे खिलाफ कोई शिकायत की तो जान से मार देंगे | मारपीट के बाद जब गर्भवती महिला को हॉस्पिटल में भर्ती हुई तो पता चला कि पेट में लात मारने के बाद उसका गर्भ नष्ट हो गया है | इस शिकायत के बारे में जवाब देते हुए दरांग पुलिस अधीक्षक अमिृत भूयान ने कहा कि हमें 11 सितंबर को शिकायत मिली थी | मैंने डीएसपी को इस मामले की जांच के लिए कह दिया है | यदि हमने पाया कि पुलिस ने इस मामले में कोई ज्यादती की है तो क्रिमिनल केस दर्ज किया जाएगा | हम मेडिकल रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहे हैं |
इधर, इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है | असम महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर लिया है वहीं, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं | सीएम ने पश्चिमी मध्य रेंज के डीआईजी बृजेनजीत सिन्हा को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है |