उपेंद्र डनसेना /
रायगढ़। छत्तीसगढ़ शासन में निकली नियुक्तियों का फायदा सरकारी कर्मचारी कैसे उठा रहे हैं इसका जीता जागता नमूना रायगढ़ में देखने को मिला जब एक नही दो नही बल्कि आधा दर्जन से भी अधिक युवा पीएससी परीक्षा देने के बाद अपनी नौकरी के लिए बडी ठगी का शिकार हो गए अब वे फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर इंसाफ की मांग करके कलेक्टर के दरबार में पहुंच गए हैं ।
इससे पहले भी सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर कई ठगी के मामले प्रदेश स्तर पर सामने आ चुके है | लेकिन इस बार यह ठगी खुद सरकारी बाबू ने की है ,जिसने मंत्रालय में अपनी पहुंच का बखान करते हुए पीएससी परीक्षा में बैठे युवाओं को बडी असानी से ठगते हुए कई लाख रूपए कमा लिए । इतना ही नही इस बाबू ने किसी को श्रम अधिकारी, किसी को सहायक संचालक खनिज तो किसी को सहायक संचालक कृषि का नियुक्ति पत्र दिलवा दिया । इसकी कलई खुलने के बाद पीडि़त युवा दर-दर भटकने को मजबूर है | क्योंकि सरकारी नौकरी की आस में उन लोगों ने अपने घर की जमा पूंजी ठग सरकारी बाबू को दे दी । ठगी का शिकार हुए युवा बताते हैं कि उन्हें अपने नियुक्ति पत्र फर्जी होनें की जानकारी काफी देर बाद मिली और इस मामले में बाबू बकायदा अपनी पहुंच मंत्रालय होनें की बात कहते हुए सब को नौकरी लगवाने की बात कहते आ रहा था वह यह भी बताते हैं कि बकायदा नियुक्ति पत्र उन्हें दिया गया । साथ ही साथ पीएससी में दिए गए रोल नंबर भी इस बाबू के पास थे । उनका कहना है कि इस ठगी के बाद वे कार्रवाई के लिए यहां पहुंचे है ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके ।
नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाला बाबू रायगढ़ कलेक्ट्रेट में वर्ग 3 पर पदस्थ है | इतना ही नही उसकी इस कृत्य की जानकारी होनें के बाद कई युवाओं ने जब दबाव बनाया तो कुछ युवाओं के पास वापस भी किए गए और अब जिनके पैसे वापस नही मिले वे शिकायत करके कार्रवाई की मांग कर रहे हैं पर ठगी करने वाला बाबू संदीप कुमार अपने आपको पाक साफ बता रहा है ,बल्कि यह कहता है कि उसके साथ भी मंत्रालय में रहने वाले एक व्यक्ति ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी की है । ठगी करने वाला सरकारी बाबू अपने कारनामों के मामले में खुद को अलग करते हुए यह कहता है कि उसने तो केवल युवाओं को मिलवाया था और पैसे भी सीधे उन्होंने नही लिए । हमने जब अतिरिक्त कलेक्टर से इस पूरे ठगी प्रकरण पर बातचीत की तो उन्होंने इस बात को माना कि शिकायत आई है और उसकी जांच के लिए बकायदा पुलिस के पास शिकायत पत्र भेजा जा रहा है वह बताते हैं कि पूरा मामला गंभीर है और जो भी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं वो फर्जी है ।
बहरहाल देखना यह है कि सरकारी विभाग में काम करने वाले छोटे से बाबू ने यह कारनामा अकेले ही किया है या उसके साथ मंत्रालय के कोई अधिकारी भी शामिल है । इतना तय है कि सरकारी नौकरी के नाम पर इस प्रकार के फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगार युवाओं को बडे पैमाने पर ठगा गया है ।