रायपुर | छत्तीसगढ़ में अरबो रूपये के “PDS और नान घोटाले” में उस समय नया मोड़ आ गया जब एक महत्वपूर्ण आरोपी शिवशंकर भट्ट ने “हलफ़नामा” देकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत उनके करीबी मंत्रियों , नेताओं और नौकरशाहों पर घोटाले का आरोप लगाया | शिवशंकर भट्ट खुद इस घोटाले की महत्वपूर्ण कड़ी है | कई महीनो तक “जेल की हवा” खाने के बाद हाल ही में वो जमानत पर छूटे है | आरोपी शिवशंकर भट्ट के बयानों को सी.आर.पी.सी. की धारा 164 के तहत “कलमबद्ध” किये जाने की जानकारी है | आरोपी के बयानों के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा ने के आसार बढ़ गए है |
उन्होंने धारा 164 के तहत शपथ पत्र देकर कोर्ट में बयान दर्ज कराया है | अपने बयान में भट्ट ने बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं का नाम लिया है | शिवशंकर भट्ट ने अपने बयान में कहा है कि भाजपा सरकार के समय 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनवाए गए थे | 3 हजार करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया गया | 4 दिग्गजों की गैंग ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया है | विभागीय अधिकारियों को मुंह खोलने पर नौकरी से हाथ धोने के स्पष्ट निर्देश दिया गया था | भट्ट ने शपथपत्र में सिलसिलेवार ढंग से पिछली सरकार के कई प्रभावशाली चेहरों पर गंभीर आरोप लगाया है, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह समेत कई प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों के नाम शामिल हैं । भट्ट ने शपथपत्र में कहा है कि 2013 के चुनाव के पहले डा.रमन सिंह और पुन्नूलाल मोहिले ने नान के तत्कालीन चेयरमेन लीलाराम भोजवानी को चुनावी फंड के लिए आदेश दिया था, जिसके बाद बीजेपी के एकाउंटेंट जैन के पास पांच करोड़ रूपए जमा कराए गए थे ।
अपने शपथ पत्र में शिवशंकर भट्ट ने बताया कि यह राशि चना और दाल सप्लायर्स और कुछ बड़े राइस मिलर्स को मजबूर कर चुनावी चंदा के लिए हासिल किया गया था । भट्ट ने कहा है कि उसकी मौजूदगी में सप्लायर्स ने यह राशि खुद बीजेपी कार्यालय जाकर जमा किया था | उस वक्त वहां धरमलाल कौशिक समेत बड़े पदाधिकारी मौजूद थे । उन्होंने यह भी बताया है कि अक्टूबर 2013 में लीलाराम भोजवानी के साथ वह पुन्नूलाल मोहिले के निवास में एक करोड़ रूपए चुनावी चंदा पहुंचाने गया था । इसके बाद फरवरी 2014 में नान के तत्कालीन एमडी कौशलेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री निवास जाकर डाक्टर रमन सिंह की पत्नि वीणा सिंह को तीन करोड़ रूपए दिए गए थे । उस वक्त ही कौशलेंद्र सिंह ने वीणा सिंह की बहन रेणु सिंह के ऐश्वर्या रेसीडेंसी स्थित घर जाकर पांच लाख रूपए दिए ।
शिवशंकर भट्ट ने कहा कि बड़े पैमाने पर हुए घोटाले का जिक्र करते हुए कहा है कि साल 2013 में 21 लाख फर्जी राशन कार्ड तैयार किए गए थे । कार्ड बनाने में पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह, खाद्य मंत्री रहे पुन्नूलाल मोहिले और तत्कालीन चेयरमेन रहे लीलाराम भोजवानी का हाथ था । इस फर्जी राशन कार्ड के आधार पर तीन सालों तक चावल, चना-दाल, नमक, मिट्टी तेल, गैस एवं खाद्य पदार्थों की अफरा-तफरी बड़े पैमाने पर की गई । उनके मुताबिक एक ही परिवार के तीन-तीन, चार-चार राशन कार्ड बनवा दिए गए थे । खाद्य विभाग के अधिकारी ऐसा नहीं करना चाहते थे, लेकिन डाक्टर रमन सिंह, पुन्नूलाल मोहिले और लीलाराम भोजवानी ने कुछ अधिकारियों को डराया और धमकाया था । साथ ही काम नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी । शिवशंकर भट्ट ने बताया है कि फर्जी राशन कार्ड से लगभग 3 वर्षों तक चावल, चना-दाल, नमक, मिट्टी तेल, गैस एवं खाद्य पदार्थों की जमकर अफरा-तफरी की गई | चूंकि आदेश खाद्य विभाग की ओर से जारी किया गया था, इसलिए नान के अधिकारियों ने पास रोक-टोक का कोई कारण नहीं था ।





