बुराड़ी में पिछले साल 1 जुलाई को एक ही परिवार के 11 लोगों की सामूहिक आत्महत्या की तरह वेस्ट दिल्ली में एक और डराने वाला मामला सामने आया है । इसमें दो सगे भाइयों ने एक ही कमरे में एक ही पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली । यह मामला जनकपुरी थाने का है । मृतकों की पहचान 27 वर्षीय गौरव अग्रवाल और 25 वर्षीय कुणाल अग्रवाल के रूप में हुई हैं । पुलिस को मौके से मृतक के पास से स्यूसाइड नोट मिला है । उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार किसी को नहीं बताया है । उन्होंने नोट में लिखा है कि वह मां की मौत के बाद से बहुत अधिक डिप्रेशन में आ गए थे |
बताया जा रहा है कि दोनों भाइयों को लकवे की शिकायत थी । उनके पिता को भी पैरालाइसिस है । उनकी मां को भी यही बीमारी थी, जिसकी वजह से 23 मार्च को उनका निधन हो गया था । दोनों भाईयों ने दिल्ली के नरेला और सीरसपुर के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों से ग्रेजुएट थे | उनके पिता रेलवे ठेकेदार हैं और दोनों भाई उनके काम में सहयोग करते थे | मां के निधन के बाद अवसाद का शिकार होने पर ये पिता की मदद करने में असमर्थ हो गए थे | मां की मौत के बाद से दोनों भाई डिप्रेशन में रहने लगे थे । पुलिस का कहना है कि दोनों भाई अपने घर के एक कमरे में एक ही पंखे से प्लास्टिक की रस्सी से लटक गए । उनके पिता दूसरे कमरे में थे । इस वजह से एक कमरे से दूसरे कमरे में उनका आना-जाना आसानी से नहीं हो पाता था ।
बताया जाता है कि दोनों भाई करीब डेढ़ महीने से किसी पूजा के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर ही रहते थे । दोनों रविवार रात करीब 9:30 बजे घर आए थे । इसके बाद दोनों ने पिता से मुलाकात की थी । माना जा रहा है कि सोमवार सुबह ही उन्होंने सामूहिक स्यूसाइड किया । जांच में पता चला कि उनके पिता करीब 20 साल से पैरालाइसिस के शिकार हैं । दोनों भाई पढ़ने-लिखने में बहुत अच्छे थे । उन्होंने बीटेक भी किया था। पढ़ाई के दौरान ही परिवार में पैरालाइसिस की समस्या से वे तनाव में रहने लगे । मां की मौत के बाद से दोनों भाई इतने अधिक डिप्रेशन में आ गए थे कि दोनों ने पड़ोसियों से भी बात करना बंद कर दिया था ।