दो दिन पूर्व कोयला तस्करी में पकड़ाए स्कार्पियो थाने से छुटी, मामले को रफा-दफा करने की तैयारी |

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उपेंद्र डनसेना रायगढ़. [Edited By: शशिकांत साहू]    

 रायगढ़ के घरघोडा  इलाके कोयला तस्करों का गढ बना हुआ है । जहां से रोजाना आधा दर्जन से भी अधिक वाहन चोरी का कोयला लेकर उद्योगों तक पहुंचते हैं और बडे आराम से उद्योग प्रबंधन भी कोयला तस्करों से मिलकर इस कारोबार को बढावा दे रहे हैं । इलाके में कोयला तस्करों के उपर इन दिनों पुलिस खासी मेहरबान है , पहले आनन-फानन में पुलिस अधीक्षक के दिशा निर्देश पर खुलेआम कोयला तस्करी व कोयला उत्खनन करने वाले गिरोह के बडे लोगों के उपर उनकी गाज गिरती है |  कोयला उत्खनन करने के लिए लगाई गई जेसीबी के साथ एक स्कार्पियो जब्त की जाती है | इसके बाद कुछ घंटो के भीतर ही लेनदेन करके घरघोड़ा थाने से कोयला से लदी स्कार्पियो को छोड़ दिया जाता है ।


         जानकारी के मुताबिक़ घरघोड़ा पुलिस अन्य वाहनों को भी छोड़कर मोटी कमाई करने के जुगाड में है | चूंकि वाहनों में चोरी का कोयला लदा हुआ है । साथ ही साथ इन वाहनों के साथ तस्करी में शामिल एक युवक भी मौके से पकड़ाया था | पर कुडुमकेला के कुख्यात तस्करों की मिलीभगत से इस मामले को रफा-दफा किया जा रहा है |   पकड़े गए वाहनों को छोड़कर कोयला तस्करी का यह मामला अपने ही बडे अधिकारियों से छुपाने का प्रयास घरघोड़ा पुलिस कर रही है । चोरी के कोयले से लदी स्कार्पियो वाहनों को छोडऩे के बाद अब दोनों बडे वाहन को थाने से मुक्त करने के लिए मोटी रकम कोयला तस्कर संबंधित थाने के इंचार्ज को दे चुके हैं , जल्द ही अन्य वाहन भी थाने से छोड़े दिए जाएंगे । पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नही है, अगर संबंधित थाने से वाहन छोड़े जाते हैं तो उन्हें नोटिस जारी करके जानकारी ली जाएगी और लापरवाही पाए जाने पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी चलाई जाएगी । 


वाहन राजसात होनें का दावा खोखला

कलेक्टर यशवंत कुमार ने बढ़ती कोयला तस्करी को रोकने के लिए पहले दावा किया था कि कोयला चोरी तथा उत्खनन में शामिल वाहनों को न केवल जब्त किया जाएगा | इसके बाद विधिवत उनके खिलाफ राजसात का प्रकरण भी चलाकर कडी से कडी कार्रवाई संबंधित कोयला तस्करों  और वाहन मालिकों के खिलाफ की जाएगी | ताकि इस ऐसे गंभीर प्रकरण बनने के बाद कोयला तस्कर दोबारा कोयला चोरी व उत्खनन करने से पीछे हटेंगे । लेकिन उनका यह दावा इसलिए खोखला साबित हो रहा है  | चूंकि घरघोड़ा क्षेत्र में दिन व रात चोटीगुडा, तिलाईपाली, बरौद कालरी के पीछे सहित कई इलाकों में कोयला तस्करों की खुद की खदान धड़ल्ले से चल रही है और वहां से निकलने वाला चोरी का कोयला लगातार निजी उद्योगों में खपाया भी जा रहा है |  किसी के उपर कार्रवाई तो दूर जांच तक नही हो रही है । जिससे कोयला तस्करों के बुलंद हौसले प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं ।

          बतादें कि दो दिन पूर्व  घरघोडा पुलिस ने कोयला चोरी व कोयला उत्खनन के मामले में कार्रवाई करते हुए  एक स्कार्पियो, दो डंफर तथा एक जेसीबी मशीन जब्त की थी |  जिसमें तीनों वाहनों में चोरी का कोयला लदा हुआ था और वन विभाग के क्षेत्र में धड़ल्ले से कोयला तस्कर कोयले का खनन कर रहे थे।  पकड़े गए वाहन कुडूमकेला के एक व्यापारी के हैं जो पहले भी कोयला तस्करी में शामिल होनें के चलते पकड़े जा चुके थे ।  मौके पर दोनों डंफर चालक व स्कार्पियो चालक पुलिस के हत्थे चढ़े थे लेकिन केवल वाहनों को जब्ती बनाकर पुलिस अधीक्षक तक को अंधेरे में रखा है । कोयला तस्करों के पकड में नही आने से यह बात साफ हो जाती है कि इस क्षेत्र में कितनी मिलीभगत के जरिए काले हीरे की तस्करी का दौर चल रहा है