दुर्ग / दिल्ली – छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता को उम्मीद है कि जल्द ही उसे “अग्रिम जमानत ” मिल जाएगी | इसके लिए उसे दुर्ग पुलिस रेंज से “भरपूर सहयोग” प्राप्त हो रहा है | यही नहीं उसकी धर पकड़ और गिरफ्तारी को लेकर सिर्फ “मीडिया ट्रायल” का खेल जारी है | ताकि दुर्ग पुलिस के प्रयास सुर्ख़ियों में रहे , और “सरकार ” भी उन प्रयासों को लेकर पुलिस की पीठ ठोक सके | दुर्ग पुलिस की कार्यप्रणाली को देखकर अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि आरोपी मुकेश गुप्ता और उसके बीच सुनियोजित “मिलीभगत” है | “सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे” की तर्ज पर दुर्ग पुलिस की कार्यप्रणाली लिखी-लिखाई कहानी को गढ़ रही है |
दिल्ली और दुर्ग से चौकाने वाली खबरे आ रही है | ये खबर “छत्तीसगढ़ महतारी” के कुख्यात गुनहगार मुकेश गुप्ता से जुडी है | खबरों पर विश्वास किया जाए तो सिर्फ अपनी छवि सुधारने के लिए दुर्ग जिले में तैनात पुलिस के आला अफसर आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी का “ढोंग” रच रहे है | असलियत यह है कि आरोपी और दुर्ग पुलिस के बीच सुनियोजित “सांठगांठ” को सिलसिलेवार तरीके से मीडिया के जरिये “सरकार ” और आम जनता के बीच फैलाया जा रहा है | खबरों के मुताबिक दुर्ग पुलिस ने आरोपी मुकेश गुप्ता को पूरी तरह से “आश्वस्त” किया है कि वो उसे “अग्रिम जमानत” मिलने तक गिरफ्तार नहीं करेगी | आरोपी को अग्रिम जमानत हासिल होते ही “दिल्ली” भेजे गए पुलिस कर्मी वापस अपनी राह में आ जायेंगे | बताया जा रहा है कि आरोपी मुकेश गुप्ता दिल्ली में ही है , और वो जल्द ही “बिलासपुर हाईकोर्ट” में अपनी जमानत याचिका दाखिल करने वाला है | उसकी जमनात याचिका को अंतिम रुप भी दिया जा चूका है | खबरों के मुताबिक आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी को लेकर दुर्ग पुलिस की कवायत सिर्फ “शिगूफा” मात्र है | मकसद सिर्फ “सरकार ” को संतुष्ट करने के लिए दुर्ग पुलिस के अफसर आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी के प्रयासों की लिखी-लिखाई स्क्रिप्ट को अमली जामा पहना रहे है | कहा जा रहा है कि यदि आरोपी मुकेश गुप्ता को “अग्रिम जमानत” मिल जाती है तो ,यह दुर्ग पुलिस और उसके नेतृत्व के लिए एक बड़ी नाकामी के रूप में जाना जायेगा |

बताया जाता है कि कुख्यात आरोपियों की धर पकड़ के लिए मुखबिरों का मजबूत नेटवर्क , फोन और मोबाइल “इंटरसेप्टर” के अलावा कई ऐसे “उपकरण और तकनीक” छत्तीसगढ़ पुलिस के पास मौजूद है , जिससे किसी भी आरोपी को आसानी से पकड़ा जा सकता है | यह बात भी “सोलह आने सच” है कि आरोपी मुकेश गुप्ता द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे सभी नंबरों और सोशल मीडिया की जानकारी दुर्ग पुलिस के पास मौजूद है | इसके बावजूद भी इस कुख्यात आरोपी की ना तो लोकेशन पुलिस जांच दल को मिल पा रही है और ना ही आरोपी की धर पकड़ के लिए कोई गंभीर प्रयास किये जा रहे है | हाल ही में आरोपी मुकेश गुप्ता का एक पत्र “EOW” को प्राप्त हुआ है | इस पत्र में उसने अपनी गिरफ्तारी की आशंका जाहिर करते हुए बयान दर्ज कराने से इंकार कर दिया है | “EOW” को लिखे इस पत्र में आरोपी मुकेश गुप्ता ने दिल्ली में उसके निवास में हुई “दुर्ग पुलिस” की “दबिश” का हवाला दिया है | बताया जाता है कि आरोपी ने इस पत्र को जानबूझकर “मीडिया में लीक” किया है | ताकि “सरकार” और “आम जनता” को पता पड़ जाए कि उसकी धर पकड़ के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस का एक दस्ता हाथ-पैर मार रहा है |
यह भी बताया जा रहा है कि हप्तेभर पहले दुर्ग पुलिस रेंज में तैनात एक “जिम्मेदार अफसर” को आरोपी मुकेश गुप्ता ने कई तथ्यों के साथ “ब्लैकमेल” किया है | सूत्रों के मुताबिक धमतरी की एक महिला के “आत्महत्या के प्रकरण” को उछालने की धमकी देकर इस अधिकारी को उसने धमकाया है | एक जानकारी के मुताबिक “आत्महत्या” के प्रकरण से इस अफसर का दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है | बावजूद इसके आरोपी की इस धमकी के बाद दुर्ग पुलिस रेंज में तैनात इस सीधे-साधे अफसर की सांसे फूली हुई है | वही दूसरी ओर इस कवायत से कुख्यात आरोपी मुकेश गुप्ता की “अग्रिम जमानत” का रास्ता भी साफ़ होता नजर आ रहा है |
फ़िलहाल माना जा रहा है कि दुर्ग पुलिस और आरोपी मुकेश गुप्ता के बीच “नूरा कुश्ती ” अपने अंतिम चरण पर है | जल्द ही बिलासपुर हाईकोर्ट में उसकी “अग्रिम जमानत” की याचिका दायर होने और उसकी सुनवाई के उपरांत इस मामले का “पटाक्षेप” भी हो जायेगा |
