डीजीपी डीएम अवस्थी का सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र – किसानो से लोन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह पर कठोर कार्रवाई करने के दिए निर्देश |

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छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी पुलिस अधीक्षक को सख्त निर्देश जारी किया है । डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर लोन दिलाए जाने का प्रलोभन देकर कृषकों के साथ की जा रही धोखाधड़ी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए | जारी पत्र में डीजीपी ने लिखा है कि मीडिया एवं अन्य स्रोतों के माध्यम से ऐसी घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही है, जिनमें प्रदेश में कुछ ऐसे ठग गिरोह एवं व्यक्ति सक्रिय हैं, जो किसानों को किसान ऋणपत्र या अन्य माध्यम से ऋण दिलाने जाने का प्रलोभन देकर उन्हें दस्तावेजों में अंगूठा निशान/हस्ताक्षर ले लेते हैं ।

 इससे ग्रामीण क्षेत्र के भोले-भाले एवं कम पढ़े-लिखे, निरक्षर किसान गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं | डीजीपी डीएम अवस्थी  ने कहा है कि वो अपने ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित थाना प्रभारी को अभियान चलाने का आदेश दें और ऐसे ठग गिरोह पर कार्रवाई सुनिश्चित करायें । साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर किसानों की तरफ से ठगी की कोई घटना की शिकायत दर्ज करायी जाती है, तो उस पर भी गहराई से जांच कराकर कार्रवाई की जाये ।  निर्देश के बावजूद किसी तरह की चूक न होने के लिहाज से उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि इन निर्देशों की जानकारी राजपत्रित अधिकारियों को भी भेजी जाए, साथ ही अभिस्वीकृति की जानकारी भेजी जाए   | 

बस्तर में दो किसानों को जेल भेजे जाने के बाद लगातार इस बात की खबरें मीडिया में आ रही थी कि कुछ ऐसे ठग गिरोह हैं, जो किसानों को अंधेरे में रखकर लोन दिलाने के नाम पर हजारों रुपये वारे न्यारे कर रहे हैं । गिरोह के ये लोग अनपढ़ और मजबूर किसानों को ऋण दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ऋण राशि खुद ही हजम कर जाते हैं और बाद में मुश्किल में किसान पड़ जाते हैं । किसान सामन्य तौर पर कम पढ़े-लिखे या निरक्षर होते हैं, जो ऐसे व्यक्तियों के प्रलोभन से प्रभावित होकर ऋण दस्तावेजों में हस्ताक्षर कर देते हैं । इसके उपरान्त उन ठग व्यक्तियों द्वारा किसान की ऋण की सारी राशि हड़प ली जाती है या उन्हें ऋण राशि की कुछ छोटी-मोटी रकम दे दी जाती है । किसानों को वास्तविक ऋण की कोई जानकारी नहीं होती और भविष्य में यह ऋण राशि ब्याज के साथ काफी बड़ी राशि में बदल जाती है एवं संबंधित किसानों को ऋण के भुगतान हेतु संबंधित व्यक्ति-संस्था द्वारा नोटिस दिया जाता है तथा उनके विरूद्ध व्यावहारिक(दीवानी)/आपराधिक कार्यवाही की जाती है | 

गौरतलब है कि पिछले दिनों बस्तर के दो किसानों को कर्जमाफी के बाद भी बैंक का कर्जा न पटा पाने की वजह से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था | मामले ने तूल पकड़ा, तो सरकार ने एसडीएम को जांच का जिम्मा सौंपा गया |  जांच अधिकारी ने बैंक से कर्ज से जुड़े तमाम दस्तावेजों की फाइल तलब की है |  दोषी पाए जाने वाले बैंक अधिकारियों और दलालों से रिकवरी की जा सकती है |  इधर दोनों किसानों की जमानत के लिए जिला प्रशासन ने विधिक सहायता मुहैया कराई थी, जिसके बाद किसानों को जमानत दे दी गई थी |