गेंदलाल शुक्ला
कोरबा। इन दिनों जिले के अधिकारी-कर्मचारी बेहद हैरान और परेशान हैं । कारण है-छुट्टियों के दिन होने वाली बैठकें और शासकीय कार्यक्रम । मजबूरी यह है कि विरोध करें, तो नौकरी पर बात आ जायेगी और न करें, तो गृह कलह से जूझें ।
आप मानें या नहीं पर यह सच है । कोरबा जिले के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी छुट्टियों के दिन होने वाली कलेक्टर की बैठक और शासकीय कार्यक्रमों से आजिज आते जा रहे हैं । शनिवार 19 अक्टूबर तृतीय शनिवार का दिन है । लेकिन जिला पंचायत सीईओ ने बैठक आहूत की है | बैठक में शामिल होना मजबूरी है । द्वितीय शनिवार 12 अक्टूबर को सीएम भूपेश बघेल का दौरा था अवकाश निरस्त ।
यही नहीं, दीपावली, गोर्वधन पूजा और भाई दूज का तीन दिन का अवकाश घोषित किया गया है । लेकिन गोवर्धन पूजा की छुट्टी निरस्त । क्योंकि गोठान दिवस मनाना है । अधिकारी-कर्मचारी दीपावली मनाने गृह ग्राम जायेंगे । दूर-दराज रहते हैं, तो दूसरे दिन नहीं आ पायेंगे । आस-पास के निवासी ड्यूटी पर आयेंगे और भाई दूज मनाने वापस जायेंगे या नहीं मनायेंगे ।
बहरहाल अधिकारियों-कर्मचारियों की हालत जबर मारै-रोवै ना दे, जैसी हो गयी है । इधर नौकरी का डर और घर में बवण्डर ।
