छत्तीसगढ़ सरकार दो महीने में दूसरी बार लेने जा रही है कर्ज , रिजर्व बैंक से एक हजार करोड़ का लेगी कर्ज |

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रायपुर /छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बार फिर रिजर्व बैंक से कर्ज लेने जा रही है।  एक साल के अंदर यह चौथी बार है जब राज्य सरकार रिजर्व बैंक से कर्ज ले रही है। राज्य सरकार ने इसके बदले अपनी आरबीआई को सिक्युरिटी (प्रतिभूति) बेचने का प्रस्ताव दिया है। इसी साल पूर्ववर्ती बीजेपी  सरकार ने भी केंद्रीय बैंक से दो बार कर्ज लिए थे। कांग्रेस की नई सरकार बनने के बाद किसानों की कर्जमाफी जैसे बड़े निर्णय लिए गए। इसका सीधा असर सरकार की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। नवंबर से पहले जनवरी 2018 में सरकार ने दो बार में 2100 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। वैसे इस साल के बीते करीब सालभर में पुरानी और नई, दोनों सरकारों ने अब तक करीब 6000 करोड़ बतौर कर्ज लिए हैं।  कर्ज के एवज में सरकार को दो साल तक 7.64 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। अभी इस साल का पूरा बजट खर्च भी नहीं हो पाया है और शासन के सामने कर्ज लेने की नौबत है।  

आरबीआई से तय क्रेडिट लिमिट के तहत सरकार इस साल करीब 11-12 हजार करोड़ तक का कर्ज ले सकती है। इसमें से अब तक लगभग 3 हजार करोड़ रुपए लिए जा चुके हैं। कर्ज की दूसरी किस्त में मिले 1500 करोड़ रुपए से सरकार धान खरीदी व बोनस जैसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाएगी। बता दें कि राज्य सरकार ने 87 हजार करोड़ से अधिक का सालाना बजट पारित करने के महीनेभर बाद ही 500 करोड़ का कर्ज लिया था। इसके लिए आरबीआई को प्रतिभूति बिक्री का प्रस्ताव दिया गया है।