रायपुर | ” हनी ट्रैप ” में फंसे छत्तीसगढ़ के पंछियों के लिए खुश खबर | उन्हें फ़िलहाल भोपाल नहीं जाना होगा | पूछतांछ के लिए श्वेता और आरती समेत दो अन्य “हनी” खुद ब खुद रायपुर आ रही है | यहाँ SIT उनका मिलन समारोह करवाएगी | छत्तीसगढ़ के पंछियों से मेल मुलाकात और आमने सामने की पूछतांछ के बाद दोनों पक्षों को उन पेड़ो पर ले जाय जाएगा, जिस पर बैठ कर ” हनी ट्रैप ” हुआ था | SIT ने छत्तीसगढ़ के पंछियों के बारे में पुख्ता जानकारी हासिल कर ली है | ऐसे पंछियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम , जिस्मफरोशी और सरकारी सेवा में रहते हुए कदाचरण करने जैसी गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया जाएगा | मध्यप्रदेश सरकार ने तो साफ़ कर दिया हैं कि वो ” हनी ट्रैप ” में फंसे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगी | उनका सार्वजनिक जुलुस निकाला जाएगा और उनकी बर्ख़ास्तगी भी होगी | रायपुर में अब SIT का इंतजार हो रहा है | छत्तीसगढ़ के पंछी उड़ ना जाए इसके लिए उन पर निगाहें भी रखी जा रही है | जल्द ही उन अय्याश अफसरों का नाम सामने आ जायेगा, जिन्होंने लड़कियों के चक्कर में ना सिर्फ अपना “जमीर” बेच दिया है, बल्कि सरकार के खजाने को भी “जागीर” समझकर उन पर लूटा दिया । खबर है कि हुस्न के चक्कर में “मदहोश” होने वाले अफसरों का नाम सामने आते ही सरकार बर्खास्तगी की कार्रवाई करेगी । मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह ने तो यहां तक कहा है कि जिन भी अफसरों का नाम सामने आयेगा, उन्हें ना सिर्फ बर्खास्त किया जायेगा, बल्कि उनका “जुलूस” भी निकाला जायेगा । ताकि उन अफसरों को अहसास हो सके, उन्होंने सेक्स की चाहत में देश-प्रदेश के साथ कितना बड़ा धोखा किया है ।
मध्यप्रदेश में खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ कनेक्शन की बात आई तो पहले इसे हल्के में लिया गया, लेकिन जब जांच के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने SIT का गठन किया तो तार जुड़ते गए । इन “हुस्नकारों” का एनजीओ आखिर छग के पैसे से कैसे “फला फूला” और कौन था इसका दानदाता ? जिन नेताओं व अफसरों के नाम जानकारी में हैं सभी के संपर्क सूत्र जोड़े जा रहे हैं , हनी ट्रैप के तार ना सिर्फ राजधानी रायपुर बल्कि दुर्ग, भिलाई, धमतरी और जगदलपुर तक फैले हुए हैं । जानकारी के मुताबिक बस्तर व धमतरी के उन तमाम ठिकानों पर इन दोनों को ले जाया जायेगा । जरूरत पडी तो उन लोगों से बाद में पूछताछ हो सकती है जिनका नाम आरती व श्वेता बतायेंगे । इस खबर के बाद यहां खलबली मची हुई है । दरअसल SIT के सामने युवतियों ने कई बड़े नामों का खुलासा किया है । IAS, IPS और IFS अफसरों के कई ऐसे नाम सामने आये हैं, जिन्होंने “अय्याशी” के चक्कर में ना सिर्फ अपनी “इज्जत” लुटायी, बल्कि पैसे भी खूब लुटाये । अब चोरी छिपे उनके MMS तैयार होने, डायरी में नाम दर्ज होने और लड़कियों की तरफ से सीधे तौर पर नाम आने से उन अफसरों में हड़कंप मचा है ।
बताया जाता है SIT हनी ट्रैप में शामिल महिलाओं को लेकर “छत्तीसगढ़ ” आने वाली है । SIT उन्हें रायपुर के साथ ही धमतरी और बस्तर लेकर जाएगी । बस्तर में “श्वेता और आरती” को एनजीओ का बड़ा काम मिला हुआ है । सूत्रों के अनुसार अफसरों ने संकेत दिए हैं कि अगले हफ्ते किसी दिन SIT महिलाओं को लेकर यहां पहुंचेंगी । SIT उन्हें रायपुर में उन होटल और फार्म हाउसों में लेकर जाएगी, जहां वे नेताओं और अफसरों के बुलावे पर आती रहीं हैं । दोनों महिलाओं को धमतरी के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस भी ले जाया जाएगा । धमतरी के रेस्ट हाउस से ही हनी ट्रैप की महिलाओं की छत्तीसगढ़ में इंट्री हुई थी । रेस्ट हाउस की कई चर्चित पार्टियों के बाद ही महिलाएं छत्तीसगढ़ के नेताओं और नौकरशाहों के संपर्क में आई । तत्कालीन डीएफओ ने अपने मध्यप्रदेश के संपर्को के जरिये इन महिलाओं को धमतरी के रेस्ट हाउस में बुलवाया था । आला नौकरशाहों और अपने तत्कालीन मंत्री की खिदमत कर डीएफओ ने बाद में अच्छी पोस्टिंग भी पाई । यहाँ भी बताया जा रहा है कि SIT महिलाओ को लेकर बस्तर भी जाएगी । वहां आरती दयाल की एनजीओ के कामकाज की पड़ताल की जाएगी । श्वेता जैन और आरती दयाल को छत्तीसगढ़ में करोड़ों के काम मिले थे । एक वरिष्ठ नौकरशाह ने 23 करोड़ के सप्लाई और ठेका दिलवाया था ।
जांच में इतने नए मामले जुड़ते जा रहे हैं कि SIT की फाइलों की संख्या चार हजार से उपर पहुंच गई है । इस मामले में पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक समेत बड़ी संख्या में नौकरशाह, बिजनेसमैन, बिल्डर और पत्रकारों के नाम सामने आ रहे हैं । नौकरशाहों और राजनेताओं की कार्ल गर्ल्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में 92 उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो क्लिप सामने आएं हैं । सेक्स-ब्लैकमेल और जबरन वसूली रैकेट के आरोप में गिरफ्तार पांच महिलाओं के पास से दो लैपटॉप और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिसने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है ।
मध्यवर्गीय परिवार की छात्राओं को बनाया जाता था निशाना
” हनी ट्रैप ” की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन ने पूछताछ में SIT को बताया है कि मध्यवर्गीय परिवार से आने वाली 20 से अधिक छात्राओं को अफसरों के पास भेजा गया । श्वेता ने इस बात का भी खुलासा किया है कि हनी ट्रैप का मुख्य उद्देश्य सरकारी ठेके, एनजीओ को फंडिंग करवाना और वीआईपी लोगों को टारगेट करना था । श्वेता ने बताया कि कई बड़ी कंपनियों को ठेके दिलवाने में मदद की । इस काम में उसकी साथी रही आरती दयाल ने भी अहम भूमिका निभाई । उन्होंने बताया कि अधिकारियों की डिमांड पर उसने आर्थिक रूप से कमजोर कॉलेज जाने वाली छात्राओं को अपने रैकिट में फंसाया और उन्हें नामी-गिरामी हस्तियों के साथ बेड पर जाने के लिए मजबूर किया, जिनमें से अधिकतर उनके पिता की उम्र के रहे होंगे ।



