बिलासपुर / आबकारी विभाग के पूर्व संविदा ओएसडी समुद्र सिंह की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने भी आज खारिज कर दी। इसके पहले जून में रायपुर के भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में उसकी याचिका खारिज की जा चुकी है। आबकारी आयुक्त पद से रिटायर होने के बाद समुद्र सिंह पिछली सरकार के कार्यकाल में संविदा पर 9 साल ओएसडी रहे। ईओडब्लू के छापों में समुद्र सिंह के 20 से ज्यादा बंगले-मकानों के दस्तावेज, अनूपपुर में 70 एकड़ का फार्म हाउस, पेट्रोल पंप और बड़ा कैश भी मिला था।
पिछली सरकार के
कार्यकाल में ओएसडी रहे समुद्र सिंह ने 14 सौ करोड़ के घोटाले
को अंजाम दिया है। शराब ठेकेदारों से मिलकर शराब के कंटेंट में
गड़बड़ी की और करोड़ो का भ्रष्ट्राचार करने का आरोप है। एसीबी ने समुद्र सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध का
मामला दर्ज किया था। समुद्र सिंह ने 20011 से 2017 के बीच ओएसडी रहते 14
सौ करोड़ के
भ्रष्टाचार को अंजाम दिया और ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया समुद्र सिंह ने खुद भी
करोड़ों रुपये की काली कमाई की।
एसीबी ने रायपुर ,बिलासपुर, और मध्यप्रदेश साहित कई
ठिकानों में छापा मारकर समुद्र सिंह की संपत्ति जप्त की है। समुद्र सिंह ने जमानत के लिए रायपुर में आवेदन
लगाया था। । निचली अदालत ने समुद्र सिंह के अपराध की गंभीरता
को देखते हुए जमानत आवेदन खारिज कर दिया था ,भ्रष्ट्राचारी
समुद्र सिंह ने जमानत याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी। हाईकोर्ट ने भी
जमानत याचिका खरिज कर दी सरकारी अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप सिंह ने मामले में पैरवी
करते हुए समुद्र सिंह को जमानत देने का विरोध किया। सरकार की ओर से कहा गया कि मामला जांच में अभी
आरोपी समुद्र सिंह से कस्टोडियल इंट्रोडक्शन किया जाना है ताकि कितने लोगों को
समुद्र सिंह ने फायदा पहुंचाया है इसकी जानकारी ली जा सके। सरकार के तर्क के बाद हाईकोर्ट की जस्टिस आर सी
सामन्त की बेंच मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी समुद्र सिंह की जमानत याचिका
खरिज कर दी है।