उपेंद्र डनसेना रायगढ़. [Edited By: शशिकांत साहू]
रायगढ़ जिले के वनांचल क्षेत्र कापू स्थित नाबालिग आदिवासी छात्रा की मानव तस्करी तथा दैहिक शोषण के एक मामले में न्यायालय ने आज आरोपी भाई बहनों को पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास व जुर्माने से दंडित किया है। इस मामले के दो और आरोपी अब भी फरार हैं। आरोपियों ने पीडि़ता को राजस्थान में ले जाकर मात्र 40 हजार रूपए में बेच दिया था
चूंकि मामला मानव तस्करी और नाबालिग आदिवासी छात्रा को भगा कर ले जाने का था इसलिए पुलिस इस मामले में सूक्ष्म जांच पड़ताल में जुट गई और धीरे-धीरे संदेह की परते खुलने लगी और पूरे मामले का खुलासा होनें के बाद पुलिस ने पीडि़ता को राजस्थान से बरामद करते हुए आरोपी भाई बहनो राधा उर्फ राधिका शर्मा तथा उसके भाई ज्ञानिक उर्फ कुठलू को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम विजय कुमार होता के अदालत में चल रही थी। दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद विद्वान न्यायाधीश विजय कुमार होता की अदालत ने आरोपी भाई बहनों को धारा 363,366, 366 क 370, 370 क 372 एवं धारा 17 लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत दोष सिद्ध ठहराते हुए अलग-अलग धाराओं में पांच वर्ष के सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया है। इस मामले से जुडे अन्य अभियुक्तगण अशोक गुज्र्जर व राधिका का पति रमेश शर्मा अब भी फरार बताया जाता है। विद्वान न्यायाधीश ने इस मामले में पीडि़ता को क्षतिपूर्ति राहत के रूप में राज्य शासन की ओर से 2 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि दिलाने का भी आदेश पारित किया है तथा निर्णय की प्रतिलिपी कलेक्टर रायगढ़ तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित की गई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने पैरवी की।