संवाद में करोडो का गोलमाल पर EOW की तिरछी नजर |
पूर्वर्ती बीजेपी सरकार की आँखों के तारे राजेश सुकुमार टोप्पो एवं अन्य के खिलाफ EOW ने दो अलग अलग मामलो में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 , 7C , 13 (1)(A) और IPC धारा 120(B) अर्थात आपराधिक षडयंत्र के तहत मामला दर्ज किया है | शासन की ओर से EOW के अधिकारी जीवन प्रकाश कुजूर की ओर से यह FIR दर्ज कराई गयी है | इस मामले में मेसर्स क्यूब मीडिया एन्ड ब्रांडिंग प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है | दोनों ही मामले वर्ष 2016 -17 और 2017 – 18 में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े है | इस दौरान राजेश सुकुमार टोप्पो संवाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर तैनात थे | जबकि दूसरी FIR भी इन्ही धारा के तहत दर्ज की गयी है | इसमें राजेश सुकुमार टोप्पो के अलावा मेसर्स मूविंग फिक्सल प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद को भी आरोपी बनाया गया है |
ग़ौरतलब है कि दोनों ही मामलो में आरोपी बनाई गयी संस्थाओ को गैर क़ानूनी ढंग से लाखो का फायदा पंहुचाने की पुष्टि हुई है | मेसर्स मूविंग फिक्सल प्राइवेट लिमिटेड को 1 करोड़ 12 लाख रूपये अतिरिक्त भुगतान की पुष्टि हुई है | जबकि मेसर्स क्यूब मीडिया एन्ड ब्रांडिंग प्राइवेट लिमिटेड को भी इसी तरह करोडो का फायदा पहुंचाने के तथ्य भी जांच में सिद्ध पाए गए है | जांच अधिकारियों ने यह भी पाया कि इन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर और निविदा नियमो में भी भारी गड़बड़ी की गयी थी | यह गड़बड़ी निचले स्तर के कर्मियों से लेकर सीनियर अधिकारीयों ने बरती थी | हालांकि EOW ने संवाद प्रमुख होने के नाते राजेश सुकुमार टोप्पो को ही मुख्य आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ नामजद FIR दर्ज की | जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई नामजद प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है | मामले की विस्तृत जांच और बयानों के बाद अन्य आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज होगी |
संवाद एवं जन संपर्क संचालनालय में पदस्थ उमेश कुमार मिश्रा , पंकज कुमार गुप्ता , सुश्री जमुना सांडिया , हीरालाल देवांगन , और जवाहर लाल दरियों की कमिटी ने मामले की प्राथमिक जांच की थी | विभागीय जांच में ही राजेश सुकुमार टोप्पो के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए थे | दोनों अलग अलग मामलो में FIR दर्ज करने के बाद EOW अन्य अफसरों के खिलाफ भी FIR दर्ज करने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा |