अपशिष्ट प्रबंधन मामले में 173 संस्थानों को जारी हुआ नोटिस ,जशपुर के 12 रायगढ़ जिले के 161 निजी अस्पताल, पैथोलॉजी, क्लीनिक शामिल |

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उपेंद्र डनसेना / 

रायगढ़। अपने संस्थानों से निकलने वाले अपशिष्ट प्रबंधन पर पर्यावरण विभाग से विधिवत लायसेंस नही लेने के अलावा उसके सही ढंग से निस्तार पर लापरवाही बरतने के मामले में निजी अस्पताल, पैथोलॉजी के अलावा क्लीनिक संचालकों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है और सप्ताह भर के भीतर विधिवत अनुमती लेने को कहा है । जिन संस्थानों को नोटिस जारी हुआ है उनमें रायगढ़ जिले के 161 निजी अस्पताल, पौथोलॉजी, क्लीनिक शामिल हैं। वहीं जशपुर जिले के 12 संस्थान भी इसमें शामिल हैं । 


 जिला पर्यावरण अधिकारी आरके शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने ऐसे निजी अस्पतालों के साथ-साथ निजी क्लीनिकों और पैथोलॉजी संचालक को अपने संस्थान से निकलने वाले अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नियमानुसार पर्यावरण विभाग से अनुमती लेनी होती है । साथ ही साथ विधिवत इनके निस्तार के लिए नगर निगम को भी जानकारी देनी पड़ती है  पर इनके संचालकों ने घोर लापरवाही बरती है उनका कहना है कि हाल ही में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने भी विभाग के पास एक पत्र के जरिए जहरीले अपशिष्ट के लिए लापरवाही बरतने वाले संचालकों पर कार्रवाई के लिए  पत्र भेजा था । इसी पत्र के आधार पर कार्यालय द्वारा सभी निजी अस्पताल, पैथोलॉजी के अलावा क्लीनिक संचालकों को नोटिस जारी करते जवाब मांगा है । उनका कहना है भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 नियम बनाए गए है जो 28 मार्च 16 से प्रभावित है । उक्त नियम के तहत जैव चिकित्सा अपशिष्ट का हथालन करने वाले प्रत्येक अधिभोगीया प्रचालक को विहित प्राधिकरण अर्थात राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या प्रदूषण समिति से प्राधिकार प्राप्त किया जाना आवश्यक है ।